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निर्भया मामला: सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा- दोषी न्यायिक मशीनरी से खेल रहे हैं

नई दिल्ली
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के दोषी कानून के तहत मिली सजा के अमल पर विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं। मेहता ने जस्टिस सुरेश कैत से कहा कि दोषी पवन गुप्ता का सुधारात्मक या दया याचिका दायर नहीं करने का कदम सुनियोजित है। बता दें कि निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग पर हाई कोर्ट ने रविवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। मेहता ने कहा कि निर्भया मामले के दोषी न्यायिक मशीनरी से खेल रहे हैं और देश के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से कहा कि कानून के तहत मिली सजा के अमल पर विलंब करने की एक सुनियोजित चाल है। अधिवक्ता ए पी सिंह दोषियों अक्षय सिंह (31), विनय शर्मा (26) और पवन (25)की ओर से दलीलें रख रहे थे। वह मामले के दोषियों की फांसी की सजा की तामील पर रोक को दरकिनार करने के अनुरोध वाली केंद्र की अर्जी के खिलाफ दलीलें रख रहे थे।

उच्च न्यायालय में केंद्र की उस अर्जी पर सुनवाई चल रही थी जिसमें मामले के चार दोषियों की फांसी की तामील पर रोक को चुनौती दी गई है। 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसम्बर 2012 को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में छह व्यक्तियों द्वारा सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गई थी। उसे बाद में बस से नीचे फेंक दिया गया। बाद में छात्रा को निर्भया नाम दिया गया था। निर्भया ने 29 दिसम्बर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। मामले के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। आरोपियों में एक किशोर भी शामिल था जिसे एक किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था और उसे तीन वर्ष बाद सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने 2017 के अपने फैसले में दोषियों को दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा बरकरार रखी थी।

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