राजनीति

निर्भया केस: इंदिरा जयसिंह के बयान पर बीजेपी ने केजरीवाल को घेरा, पूछा- टैक्सपेयर के कितने पैसे दिए

नई दिल्ली

बीजेपी ने निर्भया केस के दोषियों की फांसी बार-बार टलने के मुद्दे पर बीजेपी ने फिर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा। इस बार पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के बयान के बहाने आप और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरा। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी, बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजया राहटकर और पार्टी नेता सरोज पाण्डेय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्भया गैंगरेप एवं मर्डर मामले में दिल्ली सरकार से कई सवाल पूछे।

 

आप की करीबी हैं इंदिरा: शाजिया इल्मी

शाजिया इल्मी ने इंदिरा जयसिंह के आम आदमी पार्टी की बेहद करीबी होने का दावा किया। उन्होंने कहा, 'इंदिरा जयसिंह आप की बहुत करीबी रही हैं। वह आप, अरविंद केजरीवाल की काउंसल रही हैं। जब दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में ऐडमिनिस्ट्रेशन का हेड एलजी होगा, तब इंदिरा जयसिंह ने इस मामले में कोर्ट में आप का प्रतिनिधित्व किया था।'

 

बीजेपी का आप से सवाल, टैक्सपेयर्स का कितना पैसा इंदिरा को दिया

उन्होंने आगे कहा, 'जब अरविंद केजरीवाल और आनंद ग्रोवर के घर पर रेड हुए थे, तब भी केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीबीआई पर विच हंटिंग का आरोप लगाया था। दिल्ली के 65 लाख से ज्यादा टैक्सपेयर का पैसा अरविंद केजरीवाल ने इंदिरा जयसिंह को दिया है।' शाजिया ने आप सरकार से तीन सवाल पूछे। उन्होंने कहा, 'केजरीवाल बताएं कि बलात्कारियों, कातिलों के साथ खड़ी इंदिरा जयसिंह को दिल्ली के टैक्सपेयर से कितनी फीस दी गई? दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष अनशन कर रही थीं, वह इंदिरा जयसिंह के बयान के बाद कहां हैं? क्या केजरीवाल इंदिरा जयसिंह के बयान का खंडन करेंगे?'

इल्मी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने एलजी से परमिशन लिए बिना 2018 में जेल मैन्युअल बदल दिया। इसका मतलब है कि आपके पास अधिकार है, दिल्ली पुलिस से इसका कोई लेनदेन नहीं है। जो नोटिस जुलाई 2017 में दिया जाना चाहिए था, आपने अक्टूबर 2019 में दिया गया। दोषियों को यह नोटिस सिर्फ दिल्ली सरकार के जरिए ही दिया जाना था।

 

दिल्ली सरकार ने नोटिस देने में दो साल क्यों लगाए: बीजेपी

वहीं, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि निर्भया केस से जुड़े सारे प्रकरण में कुछ और तथ्य हैं जो प्रकाश में आने चाहिए। उन्होंने कहा कि जुलाई 2017 में निर्भया के गुनहगारों को सजा हुई थी। उसके बाद दिल्ली सरकार का कर्तव्य था कि वह दोषियों को बताए कि उन्हें क्या सजा दी गई है, लेकिन दो साल (2019 तक) केजरीवाल सरकार ने इसकी सूचना ही नहीं दी। उन्होंने सवाल किया, 'प्रीजन डिपार्टमेंट के जरिए गुनहगारों को जो सूचना देने थी, वह आप सरकार ने क्यों नहीं दी? इसके पीछे क्या मंशा थी?' तिवारी ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कहते हैं कि दिल्ली पुलिस उनके अधीन नहीं है, इसलिए नोटिस नहीं दे पाया। हालांकि, हकीकत यह है कि प्रीजन डिपार्टमेंट दिल्ली सरकार के पास है। इसका पुलिस से कोई लेनदेन नहीं है।

उधर, पार्टी नेता सरोज पाण्डेय ने भी वकील इंदिरा जयसिंह के बयान की भर्त्सना करते हुए दिल्ली सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि निर्भया के परिजनों समेत पूरे देश दरिंदों को सजा दिए जाने की अपेक्षा रखती है। उन्होंने कहा, 'जब सजा के करीब पहुंचे तो उससे बचने के लिए कई कानूनी-दांव पेच अपनाए जा रहे हैं। इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां आशा देवी से दोषियों को माफ करने की अपील की है। एक महिला होकर ऐसी अपील करना हतप्रभ करने वाला है। इंदिरा जयसिंह का इतिहास जगजाहिर है। आम आदमी पार्टी (आप) के साथ उनका संबंध सबको पता है।'

गौरतलब है कि इंदिरा जयसिंह ने शनिवार को सोनिया गांधी का हवाला देकर निर्भया की मां से दोषियों को माफी देने की अपील की थी। इस पर निर्भया की मां ने कहा था कि भगवान भी आ जाएं तो भी वह दोषियों को माफ नहीं करेंगी। उन्होंने इंदिरा जयसिंह को फटकारते हुए कहा था कि ऐसे लोग बलात्कारियों को बचाकर अपनी आजीविका कमाती हैं, इसीलिए देश में दरिंदगी की घटनाएं नहीं रुक रही हैं।

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