मध्य प्रदेश

निर्भया केस: इंदिरा जयसिंह पर भड़के शिवराज, की कानून में बदलाव की मांग

भोपाल
निर्भया गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के बयान पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. शिवराज ने रविवार को कहा, 'इंदिराजी, वकील कब से बिन मांगी सलाह देने लगे? ऐसी मानसिकता के चलते ही अपराधियों के हौसले बढ़ते हैं. मानवाधिकार मानवों के होते हैं, दानवों के लिए नहीं. कभी आपने इन बेटियों के बारे में सोचा? क्या आप को पता भी है कि ऐसी कितनी निर्भया आज भी न्याय की प्रतीक्षा कर रही हैं?'

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'इंदिराजी का सोनिया जी का तारीफ करना तो बनता ही है. मुझे इसमें जरा भी अचरज नहीं है. मैं निर्भया की मां की हिम्मत को प्रणाम करता हूं, जो अपनी बेटी के न्याय के लिए निरंतर लड़ती रहीं. पूरा देश आप के साथ है.मुझे उस दिन की प्रतीक्षा है जब सारे नराधम फांसी के फंदे पर लटका दिए जाएंगे.'

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'बेटी के साथ हुए जघन्य अपराध में शामिल वो नरपिशाच सिर्फ नाबालिग होने की वजह से छूट गया , मेरे हिसाब से उसको भी फांसी की सजा होनी चाहिए. मेरा भारतीय संसद से निवेदन है कि जल्द से जल्द कानून में बदलाव करें ताकि ऐसे नराधम समाज में खुले न घूमने पाएं.'

सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां से अपील करते हुए शनिवार को कहा था कि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जैसा नजीर पेश करते हुए अपने बेटी के बलात्कारियों की फांसी की सजा माफ कर दें . सोनिया गांधी ने अपने पति और देश के पीएम रहे राजीव गांधी की हत्या में दोषी करार दी गई एक मात्र महिला नलिनी श्रीहरन की मौत की सजा माफ कर दी थी. निर्भया की मां ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि वे इस पर सलाह देने वाली होती कौन हैं. शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई है.

इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर कांग्रेस नहीं चाहती है कि नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) लागू हो तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी को यह बात साफ कर देनी चाहिए कि आखिर जो शरणार्थी पड़ोसी देशों में अपने धर्म की वजह से प्रताड़ित होकर भारत में रह रहे हैं, उनका क्या करना चाहिए. क्या उन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए?

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