नई दिल्ली
निर्भया गैंगरेप केस में चारों दोषियों के खिलाफ तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी हुआ है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों को 3 मार्च, मंगलवार के दिन सुबह 6 बजे फांसी देने का समय मुकर्रर कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों- मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को फांसी देने के लिए नए डेथ वॉरंट जारी किए हैं। आपको बता दें कि दिल्ली की अदालत दोषियों के लिए मौत के नए फरमान जारी करने की मांग करने वाली दिल्ली सरकार और निर्भया के माता-पिता की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
हालांकि दोषियों के वकील एपी सिंह का दावा है कि उनके पास अब भी कई कानूनी विकल्प बाकी हैं। फैसले के बाद उन्होंने कहा कि यह मीडिया और राजनेताओं का प्रेशर है, जिसके कारण फांसी की तारीख आई है। उधर, निर्भया की मां ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि अब 3 मार्च फाइनल होगा और गुनहगारों को फांसी दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कहते हैं कि देर है पर अंधेर नहीं। हालांकि पिछले अनुभवों को देखते हुए उनके चेहरे पर उतनी खुशी नहीं थी। उन्होंने शब्दों में जरूर कहा, 'मैंने इतना संघर्ष किया है। अब उम्मीद है कि मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा।'
"मैं ज्यादा खुश नहीं हूं क्योंकि यह तीसरी बार है जब डेथ वॉरंट जारी हुआ है। हमने काफी संघर्ष किया है इसलिए इस बात से संतुष्ट हूं कि आखिरकार डेथ वॉरंट जारी किया गया। मुझे उम्मीद है कि 3 मार्च को फांसी हो जाएगी।"-निर्भया की मां आशा देवी
दोषियों के वकील का कहना है कि वह अक्षय के लिए नई दया याचिका लगाएंगे। पवन के पास भी क्यूरेटिव पिटिशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया था कि निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने की मांग करने वाली केंद्र की याचिका का लंबित रहना दोषियों को फांसी के लिए निचली अदालत द्वारा नई तारीख जारी करने की राह में आड़े नहीं आएगा।
इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान पता चला कि दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर छुट्टी पर थीं, जिसके बाद कोर्ट ने रवि काजी को मुकेश की पैरवी करने की इजाजत दे दी। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चूंकि दोषियों की कोई याचिका शीर्ष न्यायालय के समक्ष लंबित नहीं है और उनमें से तीन की दया याचिकाएं राष्ट्रपति द्वारा खारिज की जा चुकी हैं। जबकि चौथे दोषी ने अब तक दया याचिका देने का विकल्प नहीं चुना है, ऐसे में निचली अदालत फांसी के लिए नयी तारीख जारी कर सकती है।
सबसे पहले फांसी देने की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी। लेकिन 17 जनवरी के अदालत के आदेश के बाद इसे टालकर एक फरवरी सुबह छह बजे किया गया था। फिर 31 जनवरी को निचली अदालत ने अगले आदेश तक चारों दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। निर्भया मामले के चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं।