मध्य प्रदेश

निर्भया कांड: जल्लाद बनना चाहता है रिटायर्ड फौजी

खंडवा
खंडवा का एक रिटायर्ड फौजी जल्लाद बनना चाहता है. वो ख़ासतौर से निर्भया के गुनाहगारों को फांसी पर लटकाना चाहता है. इस रिटा. फौजी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर अपनी इच्छा जता दी है. पहले निर्भया और अब हैदराबाद रेप कांड. इस बीच ना जाने कितनी बच्चियां और महिलाएं रेप का शिकार हुईं. जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर है. कोई दोषियों को फांसी पर लटकाने की मांग कर रहा है तो कोई समाज लिंचिंग की सलाह दे रहा है.

इस बीच खंडवा के ओंकारेश्वर में रह रहे एक रिटायर्ड फौजी ने जल्लाद बनने की इच्छा ज़ाहिर की है. वो रेप के दोषियों को फांसी पर लटकाना चाहते हैं. इस फौजी का नाम है प्रदीप सिंह ठाकुर. प्रदीप ठाकुर  1995 से 2005 तक सेना में रहे. इस दौरान वो करगिल, अमरनाथ और जम्मू में उनकी पोस्टिंग रही. 2005 में रिटायर होने के बाद से प्रदीप अपने पैतृक गांव ओंकारेश्वर लौट आए.

आहत है फौजी
हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर केस के आरोपियों के एनकाउंटर के बाद जनता ने जहां एक सुर से पुलिस कार्रवाई का स्वागत किया, वहीं मानवाधिकार संगठनों ने इस पर सवाल उठाए. इन सवालिया निशान से रिटायर्ड आर्मी जवान प्रदीप सिंह आहत हैं. वो मानते हैं कि ऐसे दरिंदों को ज़िंदा रहने का अधिकार नहीं. कानून के तहत दोषियों को फांसी पर लटकाने में देर नहीं करना चाहिए. वो खुद जल्लाद बनने के लिए तैयार हैं. निर्भया कांड के दोषियों के लिए जल्लाद ना होने की ख़बरें सुनकर उनके मन में जल्लाद बनने का ख़्याल आया. वो इन सभी दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए जल्लाद बनना चाहते हैं.

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र
प्रदीप सिंह ठाकुर ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी भी लिख दी है. प्रदीप, करगिल में भी तैनात रह चुके हैं. वो वर्तमान परिदृष्य से काफी बेचैन हैं. प्रदीप का कहना है पिछले कई दिन से ये खबर आ रही है कि निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देने के लिए जल्लाद नहीं है. इसलिए मैंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर खुद को जल्लाद बनाने की मांग कर दी है. आक्रोशित रिटायर्ड जवान सरकारी सहायता कोष में 5 लाख रु. जमा कराना चाहता है. ताकि निर्भया के परिवार की मदद की जा सके.

पहले निर्भया के गुनाहगार फिर…
प्रदीप सबसे पहले निर्भया कांड के चारों दोषियों को फांसी देना चाहते हैं. उसके बाद फांसी के लम्बित 426 प्रकरणों में सभी दोषियों को भी फांसी पर लटकाने की ख्वाहिश है. प्रदीप को अब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय के जवाब का इंतज़ार है.

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