भोपाल
महेश्वर को निमाड़ उत्सव , माँ अहिल्या और महेश्वरी साड़ी ने महत्वपूर्ण पहचान दी है। माँ अहिल्या का किला और नर्मदा घाट ने विश्व में अपनी जगह बनाई है। निमाड़ उत्सव से निमाड़ी संस्कृति को नया आयाम मिला है। संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने पर्यटन पर्व पर आज महेश्वर में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण करते हुए यह बात कही। डॉ. साधौ ने कार्यक्रम में पुरूष तथा महिला वर्ग की मैराथन दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
55 देशों के बच्चों ने किया महेश्वर विजिट
महेश्वर में रविवार को हेरीटेज वॉक एक्सपोजर विजिट का आयोजन किया गया। इसमें यू.के., मोरेको, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इटली, ब्राजील, चाइना, जापान, रशिया, स्पेन, स्विटजरलैंड, बेल्जियम सहित 55 देशों के बच्चों ने महेश्वर की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास के बारे में जाना। यह विजिट स्थानीय पेशवा मार्ग से शुरू होकर बाजार चौक से होते हुए राजबाड़ा परिसर में समाप्त हुई। यहाँ विद्यार्थियों ने माँ अहिल्या बाई होलकर की प्रतिमा देखी और उनके इतिहास तथा गौरव गाथा को जाना। बच्चे हैंडलूम से महेश्वरी साड़ियाँ बनाने की प्रक्रिया देखकर अचंभित हुए। अहिल्या घाट और किला परिसर पहुँचे बच्चों ने नक्काशी की तारीफ की।