मुंबई
लोकसभा में शिवसेना ने भले ही नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का समर्थन किया था पर राज्यसभा में उसका स्टैंड बदल सकता है। कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार चला रहे शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि विधेयक पर विस्तृत चर्चा जरूरी है। आपको बता दें कि मंगलवार को ही ट्वीट कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शिवसेना समेत दूसरे दलों को इशारों में ही संकेत देने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि जो भी इस बिल का समर्थन कर रहा है, वह देश की बुनियाद पर हमला कर रहा है।
इसके बाद ही शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा कि जबतक बिल के बारे में सारी बातें स्पष्ट नहीं की जाती हैं, हम इसका समर्थन नहीं करेंगे। दरअसल, शिवसेना द्वारा लोकसभा में बिल का समर्थन किए जाने पर कांग्रेस ने हैरानी जताई थी। हालांकि महाराष्ट्र में सरकार में शामिल एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह कहकर दूरी बनाने की कोशिश की है कि दोनों अलग पार्टियां हैं और हमेशा यह संभव नहीं कि हर मुद्दे पर उनकी राय एक हो।
लोकसभा में पास, राज्यसभा में कल
आपको बता दें कि लोकसभा ने सोमवार को इस विधेयक को पारित कर दिया है, जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए पात्र बनाता है। अब इस बिल को बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
अब उद्धव का यूटर्न
उद्धव ठाकरे ने कहा है, 'जब तक बिल के बारे में बातें स्पष्ट नहीं होतीं, हम इसका समर्थन नहीं करेंगे। अगर कोई भी नागरिक इस बिल के कारण डरा हुआ है तो उसकी शंका दूर की जानी चाहिए। वे हमारे नागरिक हैं इसलिए उनके सवालों का जवाब दिया जाना चाहिए।' गौरतलब है कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी कहा है कि लोकसभा में जो कल हुआ, उसे भूल जाइए।
जो असहमत हो, वह देशद्रोही नहीं: उद्धव
बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, 'यह एक भ्रम है कि जो भी असहमत हो, वह देशद्रोही है। हमने नागरिकता संशोधन बिल में कुछ बदलावों का सुझाव दिया। हम इस पर राज्यसभा में विस्तृत चर्चा चाहते हैं, जिससे चीजें और स्पष्ट हो सकें। यह एक भ्रम है कि बीजेपी ही एकमात्र पार्टी है, जो देश की चिंता करती है।
'विधेयक से ज्यादा नौकरी, महंगाई पर ध्यान दे सरकार'
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना राज्यसभा में तब तक नागरिकता (संशोधन) विधेयक का समर्थन नहीं करेगी, जब तक कि पार्टी द्वारा लोकसभा में उठाए गए सवालों का जवाब नहीं मिल जाता। शिवसेना ने निचले सदन में विधेयक का समर्थन किया। हालांकि आज ठाकरे ने कहा विधेयक पर विस्तृत चर्चा जरूरी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को इस विधेयक को लागू करने से ज्यादा अर्थव्यवस्था, नौकरी संकट और बढ़ती महंगाई पर चिंतित होना चाहिए।
राज्यसभा में एनडीए गठबंधन के पास 106 सांसद हैं। यूपीए के पास 62 सदस्यों का समर्थन है। वैसे तो शिवसेना के 3 ही सांसद है पर जेडीयू में भी बिल को लेकर दो मत उभरे हैं। ऐसे में अगर कई और दल समर्थन से पीछे हटते हैं तो राज्यसभा में बिल को पास कराने में सरकार को मुश्किल हो सकती है।