भाजपा सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में 20 से 25 लोगों को शामिल किया जा सकता है
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से लगातार घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के बाधी विधायकों को साथ लेकर बीजेपी ने प्रदेश में सरकार तो बना ली है, लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार करने में पार्टी को पसीना आ रहा है। इसकी मुख्य वजह सामंजस्य का नहीं बैठ पाना माना जा रहा है। बीजेपी में ऊपरी तौर पर भले ही सबकुछ ठीकठाक दिखाई दे रहा हो पर, परदे के पीछे कुछ और ही चल रहा है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बीते 15 सालों में इतनी मशक्कत कभी भी नहीं करनी पड़ी।
बार-बार टल रहा विस्तार
मध्य प्रदेश का कैबिनेट विस्तार किया जाना है, लेकिन ये बार-बार टल रहा है। कैबिनेट विस्तार पर चर्चा के लिए रविवार को दिल्ली गए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार सुबह मायूस होकर भोपाल लौट आए। राजधानी पहुंचने के थोड़ी देर बाद वे मंत्रालय के लिए रवाना हो गए, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
प्रदेश अध्यक्ष सहित गृहमंत्री भी थे साथ
बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री चौहान के साथ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी दिल्ली गए थे। दिल्ली में उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। हालांकि, नए मंत्रियों के नामों को लेकर अब भी गतिरोध बना हुआ है। पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में आए पूर्व विधायकों से किए गए वादे पूरे किए जाएंगे। इसके बाद बीजेपी के कई पुराने नेताओं के मंत्री पद से दूर रहने का खतरा पैदा हो गया है।
चौहान ने अकेले ही ली थी शपथ
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री चौहान करीब एक माह तक अकेले ही सरकार चलाते रहे। बाद में 21 अप्रेल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन कर सके थे, जिनमें कांग्रेस छोड़ भाजपा में आये पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के दो मंत्री तुलसी सिलावट एवं गोविन्द सिंह राजपूत शामिल हैं।
मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के राज्य विधानसभा से त्यागपत्र देने से कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार गिर गयी थी और चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी थी। वे रिकॉर्ड चौथी बार प्रदेश के मुखिया बने हैं। कांग्रेस के अधिकांश बागी विधायक, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का दौरा रद्द
ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अब बुधवार को दिल्ली से भोपाल लौटेंगे। उनके विशेष विमान से बुधवार सुबह यहां पहुंचने की उम्मीद है। इससे पहले बताया गया था कि सिंधिया मंगलवार को भोपाल आएंगे।
कांगे्रस ने मनाया काला दिवस, जताया विरोध
उधर, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मंगलवार को भोपाल पहुंचे। मंगलवार सुबह वे चार्टर्ड प्लेन से भोपाल पहुंचे। बता दें कि कांग्रेस पार्टी मंगलवार को प्रदेश में काला दिवस मना रही है। शिवराज सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेसियों ने पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन किया।