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नवनियुक्त आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे कौन हैं, जानिए

 
नई दिल्ली

देश के नवनियुक्त आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे के पास न केवल सभी ऑपरेशनल फ्रंट पर काम करने का अनुभव है बल्कि वह सेना में बेहतरीन शख्त के तौर पर पसंद किए जाते हैं। नरवणे के पास चीन और पाकिस्तान सीमा पर काम करने का लंबा अनुभव है। उनकी पहचान काफी सख्त और सतर्क अधिकारी के रूप में है।
NDA के पासआउट हैं नरवणे
नरवणे मौजूदा आर्मी चीफ बिपिन रावत की जगह लेंगे जो 31 दिसंबर को रिटायर होंगे। नरवणे अप्रैल 2022 तक सेना प्रमुख रहेंगे। सरकार ने नरवणे की नियुक्ति में वरिष्ठता के नियम का ही पालन किया है। खास बात यह है कि नरवणे के अलावा वायुसेना चीफ आरके भदौरिया और नौसेना चीफ करमबीर सिंह भी NDA के 56वें बैच से ही हैं।

बेहतरीन शख्स के रूप में मशहूर
नरवणे के साथ काम कर चुके अधिकारी उन्हें बेहतरीन शख्स बताते हैं। सितंबर में उप सेनाध्यक्ष बनने से पहले वह कोलकाता स्थित ईस्टर्न आर्मी कमांड के मुखिया थे। अधिकारी ने बताया कि वह बिना किसी लाग-लपेट के अपनी बातें रखते हैं।

सतर्क और सख्त अधिकारी की पहचान
कई अधिकारियों के लिए नरवणे हमेशा सतर्क रहने वाले अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं और वह जवानों को भी ऐसा ही रहने को कहते थे, भले ही LAC पर शांति क्यों न हो। उनके यह अहम होता है कि किसी तरह से उनके जवान को कोई नुकसान न पहुंचे।

हर मोर्चे पर किया है काम
नरवणे ट्रेंड्स पर काफी करीब से नजर रखने वाले अधिकारियों में शुमार रहे हैं। वह स्थिति पर निजी तौर पर नजर रखते हैं। वह किसी भी प्रतिकूल स्थिति को भांपने और उसके हिसाब से खुद को तैयार रखने की कला में माहिर हैं। उन्होंने चीन सीमा पर भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच सहयोग बढ़ाने में काफी अहम भूमिका निभाई है।

लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह भी थे दौड़ में
नए आर्मी चीफ की दौड़ में नरवणे के अलावा लेफ्टिनेंट जनरल (डोगरा रेजिमेंट) रणबीर सिंह का नाम भी शामिल था। रणबीर सिंह म्यांमार में 2015 में उग्रवादी संगठनों के खिलाफ किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और पीओके के आतंकी ठिकानों पर सितंबर 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिटरी इंटिलिजेंस थे।

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