भोपाल
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के रीजनल वर्कशॉप में कहा कि नगरीय निकायों को सबसे अधिक राशि स्वच्छ भारत मिशन के लिये मिलेगी। सिंह ने कहा कि वर्कशाप से जाते ही 3-4 माह की रूपरेखा बनायें और स्वच्छता अभियान में जुट जायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की ओवरऑल रैंकिंग नम्बर एक आनी चाहिए। सिंह ने कहा कि सिर्फ भोपाल और इंदौर की रैंकिंग से ही मैं खुश होने वाला नहीं हूँ। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत का मुद्दा किसी राजनैतिक दल से नहीं आम आदमी से जुड़ा है।
सिंह ने कहा कि अभियान में टेक्नालॉजी का पूरा उपयोग करें। एमआईएस के माध्यम से सभी बिन्दुओं की जानकारी ऑनलाइन फाईल करें। कचरा कलेक्शन, सेग्रिगेशन और वेस्ट का डिस्पोजल निर्धारित कार्य-योजना के अनुसार करें। उन्होंने कहा कि शहर के तालाबों और नालों की सफाई भी करें। इससे जलजनित रोगों से मुक्ति मिलेगी।
आवारा पशुओं से मुक्त शहर को एक करोड़ का पुरस्कार देने पर विचार
नगरीय विकास एवंआवास मंत्री ने कहा कि आवारा पशुओं से सबसे पहले मुक्त होने वाले शहर को एक करोड़ रूपये का पुरस्कार देने के प्रावधान पर विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शहरों में घूमने वाली उपेक्षित गौ-माता को गौ-शालाओं में भेजे। सिंह ने कहा कि स्वच्छता अभियान में सफाई कर्मियों का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सिंह ने स्पॉट फाईन के लिये भोपाल नगर निगम के सफाई दरोगा को पीओएस मशीन दी। नगर निगम के 200 सफाई दरोगा को पीओएस मशीन दी गयी है।
महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि 2016 के स्वच्छता सर्वेक्षण में भोपाल 21वें स्थान पर था, जो 2017 में द्वितीय स्थान में आ गया। उन्होंने कहा कि भोपाल को नंबर एक का शहर बनाने के लिये सभी लोग मिलकर काम करेंगे। उन्होंने स्वच्छता पाठशाला और रोको-टोको अभियान के बारे में भी बताया। उन्होंने स्वच्छता कर्मियों के कार्यों की सराहना की।
वर्कशॉप में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय दुबे भारत सरकार के शहरी मंत्रालय के संयुक्त सचिव बी के जिन्दल, स्टेट डायरेक्टर स्वच्छ भारत मिशन मनीष सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के बारे में जानकारी दी। वर्कशॉप में भोपाल, ग्वालियर और सागर संभाग के महापौर, अध्यक्ष, नगर निगम कमिश्नर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।