दंतेवाड़ा
9 साल तक नक्सलियों के लिए काम करने वाले डीएकेएमएस अध्यक्ष को जब अपने ही साथियों से खतरा हुआ तो भाग कर पुलिस के पहुंच गया। आत्मसमर्पण कर अब नई जिंदगी समाज के लिए समर्पित करना चाहता है। शासन की नीतियों के अनुसार उस पर एक लाख रूपए का इनाम था।
अरनपुर थाना क्षेत्र में खुले पोटाली कैंप में रविवार- सोमवार की दरम्यानी रात एक ग्रामीण पहुंचकर समर्पण की बात कही। पहले उसकी बातों पर जवानों ने भरोसा नहीं किया, लेकिन पहचान होने पर वह एक लाख रूपए का इनामी नक्सली निकला। उसका नाम सन्ना हेमला पिता भीमा हेमला ग्राम नहाड़ी मड़पारा निवासी है।
पोटाली कैंप खुलने के बाद फोर्स का दबाव इलाके में बढ़ गया। 29 नवंबर को जवानों ने मलांगिर एरिया कमेटी के तीन बड़े नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी से दो पहले वह पोटाली बाजार से अपने घर चला गया था।
इसलिए नक्सली उस पर मुखबिरी का आरोप लगाने लगे और मलांगिर एरिया कमेटी के सचिव सोमडू के कहने पर उसकी हत्या करने की नियत से पहाड़ में बंदी बनाकर रखा था। जहां लगतार उसे प्रताड़ना दी जा रही थी। रविवार की रात वह मौका पाकर वहां से भाग निकला और सीधे पुलिस कैंप पहुंचकर समर्पण कर दिया। एसपी ने उसे दस हजार रूपए के प्रोत्साहन राशि भी सौंपा है।