छत्तीसगढ़

नए साल के जश्न पर मंडराया हाथियों के आतंक का साया

तपकरा
नए साल के जश्न पर हाथियों के आतंक का खतरा मंडरा रहा है। गुरुवार और शुक्रवार की रात हाथियों के दल ने तपकरा वन परिक्षेत्र में जमकर उत्पात मचाया। गुरुवार को हुई झमाझम बारिश के बाद जिले में पड़ रहे कड़ाके की सर्दी के बीच हाथियों से अपनी जान व संपत्ति की हिफाजत करने के लिए ग्रामीण हाथों में मशाल लेकर रतजगा करने के लिए मजबूर है। वहीं वन विभाग नुकसान का मुआवजा प्रकरण तैयार करने और हाथियों का लोकेशन के आधार पर ग्रामीणों को सचेत करने में व्यस्त है।

गौतमी दल में शामिल 11 हाथी तीन अलग-अलग समूह में बंट कर तपकरा वन परिक्षेत्र में घुस आए। हाथियों के इन दलों ने तपकरा वन परिक्षेत्र के ग्राम भेलवां के पतईबहार के सकरू नाग के घर को निशाना बनाया। बस्ती में घुस आए हाथियों ने इस ग्रामीण के घर के दीवार को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। रात के अंधेरे में हुए हाथियों के इस हमले से सकरू नाग और उसके परिजनों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।

इस बीच हाथियों की चहलकदमी से जागे ग्रामीण मुसीबत में घिरे इस परिवार की सहायता के लिए आ गए। मशाल और ढोल की सहायता से हाथियों को खदेड़ा। पीड़ित सकरू ने बताया कि घर को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही हाथियों ने घर में रखे हुए 40 बोरी धान और 10 बोरी चावल को चटकर गए। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने बताया कि गांव में घुसे दल में 10 से 12 हाथी शामिल थे। बस्ती से निकलने के बाद हाथियों के इस दल के गांव के नजदीक के जंगल में डेरा जमाए रहने से ग्रामीण दहशत में है।

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