भोपाल
नई रेत नीति लागू होने के बाद प्रदेश की रेत खदानों में रेत का खनन 15 अक्टूबर के पहले नहीं हो सकेगा। सरकार की तमाम कोशिश के बाद भी इस अवधि के बाद ही खदाने रेत ठेकेदारों को सौंपी जा सकेंगी। उधर भंडारित की गई रेत का परिवहन भी तब तक बाधित रहेगा जब तक ठेकेदार इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लाकर कलेक्टर को नहीं देगा। कलेक्टर भी भंडारित रेत की वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी कराएंगे।
खनिज साधन विभाग ने प्रदेश में रेत भंडारण को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं। प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई द्वारा कलेक्टरों को दिए निर्देश में कहा गया है कि नई रेत नीति लागू होने के बाद भंडारित रेत का सत्यापन अत्यंत जरूरी है। इसलिए भंडारित रेत की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी अनिवार्य तौर पर कराएं और पूर्ण संतुष्टि के बाद ही ईटीपी की स्वीकृति दी जाए। ऐसा इसलिए कराया जा रहा है ताकि कोई ठेकेदार अलग से रेत लाकर भंडारित न कर सके और रेत की कमी की स्थिति नए ठेके प्रभावी होने तक न बने। कलेक्टरों से कहा गया है कि एक लाख घन मीटर से अधिक रेत भंडारित होने की दशा में संचालक भौमिकी और खनिकर्म को सूचना दें ताकि वे एनओसी दे सकें। प्रमुख सचिव ने यह भी साफ किया है कि कोई भी कलेक्टर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल व वायु सम्मति जारी होने के बाद ही ईटीपी की स्वीकृति नहीं देंगे। इसके लिए ठेकेदार को भंडारित रेत के परिवहन के लिए एनओसी देना अनिवार्य कर दिया गया है।
दूसरी ओर प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि नई रेत लागू होने के बाद इसके लिए ठेका देने के नियम बन गए हैं और सीएम समन्वय से फाइल लौटने के बाद अगले दो तीन दिनों में नीलामी के लिए विज्ञापन जारी किए जाएंगे। इसके बाद 28 दिन का समय नीलामी प्रक्रिया पूरी करने और बाकी काम में लगना तय है। इसलिए नए ठेके 15 अक्टूबर के बाद ही प्रभावी हो सकेंगे। गौरतलब है कि एक अक्टूबर से प्रदेश में रेत खनन पर प्रतिबंध हट जाएगा पर ठेके नहीं हो पाने से खनन प्रतिबंधित रहेगा।