नई दिल्ली
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भारत ने सोमवार को ईरानी नागरिकों को जारी किए गए वीजा या ई-वीजा को रद्द करने का फैसला किया है। भारत की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोला अली खामेनेई के सलाहकार मोहम्मद मीरमोहम्मदी की कोरोना के कारण मौत हो गई है। उल्लेखनीय है कि चीन के बाद कोरोना से सबसे अधिक मौतें ईरान में हुई हैं और इसका असर धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। ईरान में अब तक 66 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,501 लोग वायरस की चपेट में हैं।
ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने सोमवार को बयान जारी किया, 'ईरानी नागरिकों और 1 फरवरी के बाद ईरान यात्रा करने वाले विदेशी नागरिकों को जारी किया गया वीजा/ई-वीजा रद्द कर दिया है। ये उनके लिए है जिन्होंने भारत में अभी प्रवेश नहीं किया है। ये विदेशी नागरिक हवाई, थल या समुद्री मार्ग से भारत में प्रवेश नहीं कर सकते।'
ईरान में बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें स्टूडेंट्स, मछुआरे और तीर्थयात्री शामिल हैं जो स्वदेश लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, वहां कोई भी भारतीय कोरोना की संपर्क में नहीं आया है। भारतीयों की वापसी का मुद्दा विभिन्न राज्यों की सरकारों ने केंद्र के समक्ष उठाया है। विदेश मंत्रालय मामले पर संज्ञान लेते हुए उनकी वापसी सुनिश्चित करने में जुटा हुआ है। वहीं, भारतीय दूतावास ईरान में मौजूद तीर्थयात्रियों, स्टूडेंट्स और भारतीय समुदाय के संपर्क में है। उन्हें हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा गया है।
ईरान में मौजूद दूतावास ने इस संबंध में ट्वीट किया, 'अब तक ईरान में किसी भी भारतीय के कोविड-19 के संपर्क में आने का मामला नहीं आया है। हेल्थ प्रोटोकॉल फॉलो करने के अलावा उन्हें संयम बनाए रखने और किसी तरह की अफवाह में न पड़ने को कहा गया है।' ईरान में भारतीय राजदूत ने वहां फंसे हुए मछुआरों को लेकर भी एक विडियो शेयर किया है जिसमें बताया जा रहा है कि उनके लिए पर्याप्त मात्रा में फूड स्टॉक मौजूद है। इन मछुआरों में केरल निवासी भी मौजूद हैं जिनका मामला तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने केंद्र के सामने उठाया था।
भारत में सोमवार को कोरोना के दो नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया एक व्यक्ति का इटली से लौटने के बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा है जबकि दूसरा मरीज तेलंगाना का है जिसे पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने इसके साथ ही देशवासियों से अपील की है कि वे इटली और ईरान की गैर-जरूरी यात्रा रद्द कर दें।