भोपाल में गरीब और जरूरतमंद परिवारों को वितरित किया राशन
दिल्ली. वैशाख मास की पूर्णिमा को देशभर में बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन लोग सुबह उठकर नदियों एवं पवित्र सरोवरों में स्नान के बाद दान-पुण्य करते हैं। लेकिन इस बार देश भर में बढ़ते कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन के कारण सभी अनुयायियों ने घर में रहकर ही बुद्ध पूर्णिमा का व्रत रखा। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के बचपन के साथी सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे थे, तो भगवान श्री कृष्ण ने इस पूर्णिमा व्रत का विधान बताया।
इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की दरिद्रता दूर हुई। इस दिन सुबह सवेरे उठकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस दिन भगवान बुद्ध का भी जन्म हुआ था। यही नहीं बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और इसी दिन उनका महानिर्वाण भी हुआ।
बोधि वृक्ष के नीचे मिला था ज्ञान
वैशाख पूर्णिमा के दिन उन्हें बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई, तभी से यह दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। भगवान बुद्ध के उपदेश आज भी दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने आध्यात्मिकता का महत्व बताते हुए कहा था कि जिस प्रकार मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती वैसे ही मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।
पीएम मोदी ने देश वासियों को दिया संदेश
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, भारत बिना स्वार्थ दुनिया के साथ खड़ा है। हमारे आसपास कई ऐसे लोग हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के काम कर रहे हैं। संकट की ये घड़ी लोगों की सहायता करने की है।
मुश्किल वक्त से गुजर रही है दुनिया
बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर एक वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह फंट्रलाइन वारियर्स, जैसे मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर और पुलिसकर्मी तथा अन्य के सम्मान में आयोजित किया गया। इस आयोजन में दुनियाभर के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, इस बार परिस्थितियां अलग हैं, दुनिया मुश्किल वक्त से गुजर रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि, आपके बीच आना मेरे लिए सौभाग्य होता, लेकिन मौजूदा स्थिति इसकी इजाजत नहीं देती है। भारत बिना स्वार्थ के साथ इस वक्त दुनिया के साथ खड़ा है, हमें अपने साथ-साथ अपने परिवार, आसपास की सुरक्षा करनी होगी। संकट के समय में हर किसी की मदद करना ही सबका धर्म है।
खुद अपना दीपक बनें और दूसरों को प्रकाशित करें
उन्होंने कहा कि, संकट के समय हमें मदद करने की जरूरत है। हमें अपनी, अपने परिवार और दूसरों की रक्षा करनी है। भारत विश्व हित में काम कर रहा है और करता रहेगा। मानवता की सेवा करने वाले बुद्ध के सच्चे अनुयायी हैं। हमारा काम सेवा भाव होना चाहिए। दुनिया इस समय मुश्किल से गुजर रही है। भगवान बुद्ध अपने दीपक स्वयं बने और दूसरों के जीवन को प्रकाशित करते रहे।
भोपाल में भी मनाया गया महोत्सव
बौद्ध समाज शिक्षा जन कल्याण समिति, त्रिशरण बुद्ध विहार नम्रता नगर, कोलार में भी बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई। इस मौके पर लोग अपने-अपने घरों पर ही रहकर उत्सव मनाया। समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों एवं भोपाल नगर के बौद्ध धर्मावलम्बियों द्वारा गुरुवार को त्रिगुण पावन वैशाख पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा)के अवसर पर कोरोना वायरस की संक्रामकता के कारण घोषित लॉकडाउन अवधि में शासन/प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रामक वायरस से संबंधित जारी निर्देशों का पालन करते हुए पूज्य भंते नार्गाजुन द्वारा त्रिशरण बुद्ध विहार नम्रता नगर कोलार रोड में प्रात: 10.30 बजे बुद्ध वंदना की एवं ऑनलाइन उपोसथ व्रत के लिए अष्टशील दी गई।
अपराह्न 12 बजे परित्तपाठ किया एवं धम्म देशना दी गई। उसके बाद कोलार में निवासरत जरूरतमंद कुछ परिवार जिनके पास खाद्यान्न सामग्री नहीं थी, उन परिवारों को समिति के पदाधिकारी/सदस्यों द्वारा खाद्यान्न सामग्री वितरित की गई। शाम 7.30 बजे समिति के पदाधिकारी/सदस्यों एवं भोपाल नगर के बौद्ध धर्मावलम्बियों द्वारा अपने-अपने घरों में दीप प्रज्वलित कर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना कर सौहार्दपूर्ण माहौल में हर्षोल्लास के साथ बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई।