छत्तीसगढ़

देश की हालत ठीक नहीं, 8 जनवरी को ग्रामीण भारत बंद – बादल सरोज

रायपुर
हाल के दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े सारे संकेतकों ने समूचे देश को चिंता में डाल दिया है। शुतुरमुर्ग की तरह आंखें बंद करके तूफान के टल जाने की उम्मीद की तरह मोदी सरकार आचरण कर रही है। मैनुफैक्चरिंग की विकास दर का ऋणात्मक हो जाना, नागरिकों की मासिक खपत में करीब 100 रुपयों की कमी आ जाना, बेरोजगारी दर का तेजी से बढ़ जाना और दैनिक उपभोग की चीजों के दाम में लगातार वृद्धि होते जाना इसी के उदाहरण हैं। रही-सही पोल जीडीपी ने खोल दी है। यह गिरावट सरकार द्वारा अपनाई गई देशी-विदेशी कॉपोर्रेट-हितैषी नीतियों का नतीजा है। इन विनाशकारी नीतियों के उलटने के बजाय मोदी सरकार संकट को और अधिक बढ़ाने के उपाय कर रही है। हाल में रिजर्व बैंक के सुरक्षित भंडार में से पौने दो लाख करोड़ रुपये निकालकर ठीक इतनी ही राशि की सौगातें कॉपोर्रेट कंपनियों को दिया जाना इसी मतिभ्रम की नीतियों को आगे बढऩे का उदाहरण है। अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज रायपुर में मीडिया से रूबरू होने के दौरान कही।

देश की किसान आबादी की हालत और भी अधिक खराब होती जा रही है। करीब 18 करोड़ किसान परिवारों में से 75 प्रतिशत परिवारों की आय मात्र 5000 रुपये मासिक या उससे भी कम है। उस पर खाद, बीज और कीटनाशकों में विदेशी कॉपोर्रेट कंपनियों को मनमर्जी की कीमतें तय करने की छूट देकर और फसल खरीदी के सारे तंत्र को ध्वस्त करके पूरे देश में खेती को अलाभकारी बनाकर रख दिया गया है।

ठीक इसी मांग को लेकर देश भर के लगभग सारे संगठनों के साझे मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 8 जनवरी 2020 को गांव-हड़ताल का आह्वान किया है। यह हड़ताल इसी दिन हो रही देश भर के श्रमिकों की देशव्यापी हड़ताल की संगति में होगी। छत्तीसगढ़ में इस ग्रामीण बंद-हड़ताल को कामयाब बनाने के लिए छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आज संपन्न अपनी दो-दिवसीय बैठक में विस्तृत अभियान की योजना बनाई है। अखिल भारतीय किसान सभा भूमि अधिकार आंदोलन, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, वन स्वराज अभियान सहित सभी किसान संगठनों के संपर्क में हैं। ये सभी संगठन मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे। इस दौरान संजय पराते व अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।

 

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