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दुकानदारों को फीकी होली का डर कोरोना, दंगे से 

 नई दिल्ली
होली का सामान बेचने वाले दुकानों में रौनक नजर नहीं आ रही जबकि सामान्य परिस्थितियों में नजारा कुछ और होता है। लेकन इस साल होली का त्योहार दुकानदारों और थोकविक्रेताओं के लिए उत्साह भरा नहीं है। दरअसल, कोरोना वायरस के डर से बड़ी संख्या में व्यापारी और ग्राहक चीन में बने बलून, पिचकारी और रंग से दूरी बना रहे हैं जिसकी वजह से बड़ी संख्या में आयातक प्रभावित होंगे। व्यापारियों की एक इकाई के अनुमान के मुताबिक दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नै में होली से जुड़े 500 करोड़ रुपये चीनी उत्पाद आयातकों के पास पड़े हुए हैं। उसे खरीददार नहीं मिल रहा।

आयातकों को कहना है कि उन्हें इस नुकसान की भरपाई करनी पड़ेगी। होली के सामानों का आयात करने वाले दिल्ली निवासी आशीष ग्रोवर ने कहा, 'य़ह अनपेक्षित है। होली एक बड़ा त्योहार है। इस साल के नुकसान का हमारे व्यवसाय पर काफी समय तक प्रभाव रहेगा।'

व्यापारियों का आरोप, बेवजह घबरा रहे लोग
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर देश में ज्यादा ही हौव्वा खड़ा कर दिया गया है, जो कि घरेलू बाजार को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा, 'यहां तक कि खुदरा व्यापारी चीनी सामान में कम रुचि ले रहे हैं।' होली के सामान का व्यापार करने वाले संजीव जैन बताते हैं कि वे पूरे दिन बेकार बैठे रहते हैं। उन्होंने कहा, 'दुकान खाली है। जबकि हमने दिसंबर से पहले चीन से सारा सामान खरीदा था, ऐसा लग रहा है कि इनकी बिक्री नहीं हो पाएगी।'

दंगे से पड़ रही है दोहरी मार
राजधानी का सदर बाजार होली के सामानों को बड़ा केंद्र है और वहां भी होली के सामानों की बिक्री में बड़ी गिरावट की खबर आ रही है। वहीं, उत्तर पूर्व दिल्ली दंगे के कारण भी लोग नजदीकी बस्ती में जाने से बच रहे हैं। सेल्स रिप्रेजेंटेटिव काले राम (58) बताते हैं कि वह 30 सालों से रंग और पिचकारी बेच रहे हैं, लेकिन बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट कभी नहीं देखी। राम ने कहा, 'पूरे उत्तर भारत के छोटे दुकानदार बड़ी संख्या में सामान खरीदने यहां आते हैं। इस साल, बिक्री काफी कम है क्योंकि बाहरी लोगों में ऐसी छवि बन गई है कि दंगे से पूरी दिल्ली प्रभावित हुई है।

व्यापारियों ने पिचकारी में पुलिस कैनन, रॉकेट लॉन्चर औऱ होली क्रैकर्स जैसे सामानों का आयात किया था लेकिन इसके ग्राहक नहीं मिल रहे। एक व्यापारी राहुल शर्मा बताते हैं, 'पिछले साल होली से कई दिन पहले ही इनमें से कुछ लोकप्रिय प्रॉडक्ट्स का स्टॉक नहीं बचा था,लेकिन अब व्यापारी अपने स्टॉक को खाली करने के लिए सामान की कीमत कम करने पर विचार कर रहे हैं। हमें बड़ा नुकसान होता दिख रहा है।'

व्यापारी बताते हैं कि चीन से सामान मंगवाने में करीब 30 दिन का समय लगता है और ऑर्डर ठीक एक महीने पहले देने होते हैं इसलिए ताकि दूसरे राज्यों में सामान भेजे जा सकें। ऐसा अनुमान है कि फिलहाल बाजार में 90-100 करोड़ रुपये का सामान फंसा हुआ है।

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