नई दिल्ली
उच्च न्यायालय में दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है। पुलिस की ओर से कहा कि जिस स्पीच को लेकर शिकायत है वह दो माह पहले की स्पीच है। याचिकाकर्ता सिर्फ़ 3 के खिलाफ कार्रवाई नहीं मांग सकता है। हमारे खिलाफ और भी भड़काऊ भाषण की शिकायत आयी है। कोर्ट में पुलिस ने कहा हम हिंसा को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा सही वक्त पर पुलिस कार्रवाई करेगी। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि भाजपा के तीनों नेताओं के नफरत भरे कथित भाषणों को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए केंद्र और पुलिस को याचिका पर जवाब दाखिल करने की जरूरत है। केंद्र और पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने वालों पर मुकदमा दर्जे करने के लिए समय मांगा। अब तक कुल 48 मुकदमा दर्ज हुए हैं। अभी सभी एजेंसियों का ध्यान हालात को काबू में करने पर है। पुलिस ने कहा कि अभी मुकदमा दर्ज करने का सही समय नहीं, सही वक्त आने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा । दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने यह निर्णय लिया है कि फिलहाल भड़काऊ भाषण के मामले में किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करेंगे।दि्ल्ली पुलिस के अनुसार मामले में अब तक 106 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर और भी गिरफ्तारी होनी है। पुलिस ने कहा कि उसे बाहरी लोगों की तस्वीरें मिली है और उनकी पहचान कर ली गई है। याचिकाकर्ता ने कहा जिन्होंने भाषण दिया उन सब पर कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होनी है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट जिले के कई इलाकों में हुई हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई हुई थी। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा पर उच्च न्यायालय ने कहा कि बाहर के हालात बहुत ही खराब हैं। इसके अलावा, दिल्ली हिंसा मामले पर हाईकोर्ट में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का बयान सुनाया गया। सुनवाई के दौरान अदालत ने कोर्ट रूम में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का वीडियो क्लिप चलाया। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल, डीसीपी देव और सभी वकील मौजूद रहे। हाईकोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, डीसीपी (अपराध) से कहा कि क्या उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण का वीडियो क्लिप देखा है? बाद में उस क्लिप को अदालत कक्ष में चलाया गया। वहीं, उच्च न्यायालय ने सॉलिसीटर जनरल से कहा कि वे पुलिस आयुक्त से भाजपा के तीन नेताओं द्वारा कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने को कहें।