अयोध्या
राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण शुरु करने से पहले विराजमान रामलला को नियत स्थान पर प्रतिष्ठित करने के लिए नई दिल्ली में निर्मित प्री फैब्रिकेटेड मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर अयोध्या पहुंच गया है। इस फोल्डिंग स्ट्रक्चर को विशेष सुरक्षा में गोपनीय स्थान पर रखवाया गया है। इस स्ट्रक्चर को पूर्ण वातानुकूलित बनाया गया है। नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर 24 मार्च को वैदिक रीति से अनुष्ठानपूर्वक रामलला को इस स्ट्रक्चर में प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा। नवरात्र के पहले दिन से दर्शनार्थियों को नये स्थान पर ही रामलला का दर्शन उपलब्ध होगा।
जिलाधिकारी एवं रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी अनुजकुमार झा ने बताया कि 17-18 मार्च तक सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध कार्य पूर्ण होने के बाद प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर को स्थापित करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर पूर्णतया वातानुकूलित है और रामलला 24-25 डिग्री सेल्सियस तापमान में रहेंगे। जिलाधिकारी श्रीझा ने बताया कि 20 मार्च से अयोध्या के एकादश वैदिक आचार्य रामलला की प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान आरंभ करेंगे जो कि 25 मार्च तक जारी रहेगा। पुन: चैत्र नवरात्र का नौ दिवसीय अनुष्ठान 25 मार्च से आरम्भ होकर दो अप्रैल को रामनवमी तक चलेगा। उन्होंने बताया कि रामजन्मभूमि में शुरु होने वाले अनुष्ठान में काशी के आचार्य भी 22 मार्च से शामिल होंगे।
राजस्थान से आज पहुंचे तकनीकी दल के14 सदस्य
रामजन्मभूमि के सत्तर एकड़ के विस्तृत परिसर में निर्माण कार्य आरम्भ करने से पहले तकनीकी स्तर पर की जाने वाली प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए शनिवार को तकनीकी दल के 14 सदस्य अयोध्या पहुंचे। लार्सन एण्ड टुर्बो कंपनी के यह सदस्य राजस्थान से आए हैं। इस दल का नेतृत्व इंजीनियर राजेश गुप्त कर रहे हैं। इस दल के सदस्य जमीन की खुदाई के लिए अपने साथ आधुनिक मशीनों को भी लाएं। मालूम हो कि रामजन्मभूमि परिसर में मृदा परीक्षण का कार्य जारी है। इसके लिए अलग-अलग स्तर मिट्टी निकाली जानी है। इं.श्रीगुप्त ने बताया कि मृदा परीक्षण के लिए 30 मीटर गहरे तक खुदाई कराई जाएगी।
अफसरों की चिंता का विषय बने रामलला के दर्शनार्थी
पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस के आतंक के बीच अयोध्या में भी वायरस की दस्तक हो गई है। एक संदिग्ध मरीज के पाए जाने के बाद प्रशासनिक महकमे हडकंप मच गया है। अफसरों को रामलला के दर्शनार्थियों को निय्त्रिरत करने का उपाय नहीं सूझ रहा है। इसी हडकंप के बीच सीएमओ डॉ. परशुराम सिंह ने रामनवमी मेला पर रोक लगाने का सुझाव जिला प्रशासन को दे दिया है। उनका कहना है कि मेला में चारो दिशाओं से आने वाली भीड़ की स्क्रीनिंग नहीं की जा सकती है। इसके विपरीत जिलाधिकारी अनुजकुमार झा ने सीएमओ के बयान को फेक करार देते हुए कहा कि धार्मिक परम्पराओं को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। फिर भी इस सम्बन्ध में जरुरी उपायों के लिए शासन स्तर पर बात की जाएगी।