नई दिल्ली
बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट गुरुवार को अपना फैसला सुनाएगा. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो कानून, बलात्कार, आपराधिक साजिश समेत अन्य धाराओं में आरोप तय किए हैं. सीबीआई ने इस मामले में ब्रजेश ठाकुर को मुख्य आरोपी बनाया है.
यह पूरा मामला मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से दुष्कर्म से जुड़ा है. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज यानी TISS की रिपोर्ट के बाद ये पूरा मामला सामने आया था. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सीबीआई के मुताबिक जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ है, उसको ब्रजेश ठाकुर चला रहे थे.
ब्रजेश ठाकुर के अलावा मामले में शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण के अधिकारी भी आरोपी बनाए गए हैं. जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया, तो मामले को सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया था.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिहार सरकार को पीड़ितों को मुजावजा देने और उनकी चिकित्सा, शैक्षणिक और वित्तीय मदद करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 23 फरवरी से ही इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.
इस मामले में करीब 7 महीने की नियमित सुनवाई के बाद सितंबर में साकेत कोर्ट ने सुनवाई करके अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब गुरुवार को साकेत कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.
लड़कियों और युवतियों ने सुनाई थी आपबीती
दिल्ली की साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामले की पीड़ित लड़कियों और युवतियों ने अपने बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए थे और दर्दनाक आपबीती सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले को दिल्ली की साकेत अदालत में ट्रांसफर करने का मकसद भी यही था कि पीड़ित लड़कियां इस मामले में बिना किसी दबाव के हकीकत बयां कर सकें. कोर्ट के आदेश पर इन लड़कियों को पुलिस सुरक्षा भी दी गई थी.