मेरठ
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का काम तेज हो गया है। इसके तहत रैपिड रेल का पहला पिलर दुहाई और गुलधर के बीच बनाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है। एनसीआरटीसी ने पहले चरण के काम को दो पैकेज में बांट दिया है। रैपिड रेल के पिलर की ऊंचाई 12 मीटर रखी गई है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों की बैठक में रैपिड रेल को लेकर कई फैसले किए गए हैं। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के साहिबाबाद से दुहाई के 17 किमी. लम्बे पहले चरण पर चल रहा निर्माण कार्य अब जमीन के ऊपर भी आकार लेने लगेगा।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ
दिल्ली से मेरठ तक की दूरी 85 किलोमीटर है
दिल्ली से मेरठ की दूरी 55 मिनट में होगी तय
दिल्ली से मेरठ तक हैं कुल 24 स्टेशन
इस रूट पर रोज 7.4 लाख यात्री करेंगे सफर
इसके तहत दुहाई से गुलधर के बीच पहला पिलर बनाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है। यह रैपिड रेल का पहला पिलर होगा, जिससे गुलधर और दुहाई के बीच ट्रैक बनाया जाएगा। दावा है कि बहुत जल्द पहले चरण के काम में कई पिलर दिखने लगेंगे। एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार पहले चरण में पिलर की ऊंचाई तकरीबन 12 मीटर रखी गई है। पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी लम्बाई में कार्य होना है, जिस पर मार्च 2023 से रैपिड रेल चलाने का अनुमान है।
पहले चरण के काम को दो पैकेज में बांटा
एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार पहले चरण में 17 किलोमीटर रूट में चार स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई शामिल हैं। साहिबाबाद और गाजियाबाद रैपिड रेल स्टेशनों को दिल्ली मेट्रो से भी जोड़ा जाएगा। तेजी से काम के लिए पहले चरण को अब दो पैकेज में बांटा गया है। पैकेज-1 में वैशाली के पास रैंप से शुरू होकर साहिबाबाद होते हुए गाजियाबाद (आरआरटीएस स्टेशन तक) और पैकेज-2 में गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन से गुलधर होते हुए दुहाई तक काम होगा।
गाजियाबाद से दुहाई तक सड़क चौड़ीकरण कार्य पूर्ण
एनसीआरटीसी का दावा है कि पैकेज-2 के लिए सड़क को चौड़ा करने का काम पूरा हो चुका है, साथ ही बिजली के तार, टेलीफोन के तार तथा अन्य यूटिलिटी स्थानांतरण का काम भी पूरा हो चुका है। पैकेज-1 में निर्माण कार्य के लिए एजेंसी का चयन फाइनल हो गया है। पिलर लोड टेस्टिंग का काम अंतिम चरण में है। दावा है कि जल्द ही पैकेज-1 में तेजी से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। एनसीआरटीसी ने साहिबाबाद के निकट कास्टिंग यार्ड की स्थापना की है, जहां से दोनों पैकेज में काम होगा।
गाजियाबाद निगम जमीन देने को तैयार
नगर निगम रैपिड रेल के लिए हिंडन ईको पार्क में जमीन देने को तैयार हो गया है। विरोध को दर किनार करते हुए प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। शासन से आदेश मिलते ही नेशनल कैपिटल रीजनल ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) को जमीन पर कब्जा दे दिया जाएगा। भाजपा पार्षद ने ईको पार्क में जमीन देने का बोर्ड बैठक में विरोध किया था। दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर के रीजनल रैपिड ट्रांजिट निर्माण के लिए नगर निगम को वैशाली से मेरठ तिराहे तक अस्थायी 82104 वर्गमीटर एवं स्थायी 15470 वर्गमीटर हरित पट्टी की भूमि उपलब्ध कराई जानी है।
गाजियाबाद में सात स्टेशन बनेंगे
इसके अलावा एनसीआरटीसी ने हिंडन ईको पार्क में 4000 वर्ग मीटर जमीन की मांग की। नगर निगम ने ईको पार्क की जमीन देने से पहले यह प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा। नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने कहा, 'रैपिड रेल के लिए हिंडन ईको पार्क में चार हजार वर्गमीटर जमीन देने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट में किसी का विरोध नहीं है। शासन से आदेश मिलते ही जमीन पर कब्जा दे दिया जाएगा।' रैपिड के गाजियाबाद में सात स्टेशन बनाए जाएंगे। इस पर प्रशासन की अंतिम मुहर लग गई है। पहला स्टेशन साहिबाबाद में बनाया जाएगा। इसके बाद गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर (दक्षिण) और मोदीनगर(उत्तर) में स्टेशन बनाए जाने हैं। दुहाई गांव में जमीन पर हाईस्पीड ट्रेन के लिए डिपो बनाया जाएगा।