भोपाल
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में बैठकर एमपी के भाजपा नेताओं पर खरीद-फरोख्त के आरोप लगाने के बाद बयानबाजी का दौर तेजी से चल पड़ा है।आरोपों पर बीजेपी जमकर पलटवार कर रही है।अब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का बड़ा बयान सामने आया है। भार्गव का कहना है कि कांग्रेस को भय है कि पता नहीं उनके कौन से गुट से विधायक टूटकर भाजपा में चला जाए। वे आरोप नहीं लगाएं इसका सबूत पेश करे। दिग्विजय सिंह सभी विधायकों को सामने लेकर आएं ओर बताए कि वें कौन से विधायक हैं जिनसे संपर्क होने की वो बात कह रहे है।
दिग्विजय सिंह ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का सनसनीखेज आरोप लगाया है. इस आरोप से बीजेपी बुरी तरह से तिलमिला गई है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने झूठ बोलकर सनसनी फैलाई है. ये उनकी आदत है. उन्होंने कहा, 'ये ब्लैकमेलिंग है. दिग्विजय सिंह का कोई काम नहीं हुआ होगा. उनके दिमाग का कोई आकलन नहीं कर सकता है. उनके दिमाग में फितूर चलता रहता है.'
सपा और बसपा के दो विधायक
मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी के एक विधायक है। राजेश शुक्ला समाजवादी पार्टी se विधायक हैं। वहीं, रामबाई को बसपा ने पार्टी से निलंबित कर दिया है। जबकि बसपा के एक अन्य विधायक संजीव सिंह भी कमलनाथ सरकार के खिलाफ हमला बोल चुके हैं।
दिग्विजय ने लगाए थे आरोप
इससे पहले सोमवार को दिग्विजय सिंह ने भाजपा और शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए कहा था। बीजेपी जब से विपक्ष में आई है, उसके बाद से ही नरोत्तम मिश्रा और शिवराज सिंह चौहान खुलेआम कांग्रेस विधायकों को तोड़ने में लगे हैं। वे हमारे विधायकों को खरीदने के लिए 25-30 करोड़ रुपये का ऑफर दे रहे हैं। इस राशि का भुगतान तीन किश्तों में होगा। पहली किश्त राज्यसभा चुनाव से पहले, दूसरी किश्त राज्यसभा चुनाव के बाद और तीसरी किश्त सरकार गिराने के बाद विधायकों को दिए जाएंगे। कई विधायकों से इसके लिए अप्रोच किया गया है।