भोपाल
हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों (Assembly election 2019) की घोषणा होते ही एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग यानी ईवीएम (EVM) की ईमानदारी को लेकर बहस शुरू हो गई है. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में शायद ही ऐसा कोई चुनाव बीता हो, जिसमें ईवीएम से मतदान को लेकर राजनीतिक दलों ने सवाल न खड़े किए हों. चुनावों के दौरान ऐसे सवाल करने वालों की तादाद बढ़ ही जाती है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने दो राज्यों में विधानसभा के चुनाव और देश के लगभग दर्जनभर राज्यों में होने वाले उपचुनावों के बीच एक बार फिर ईवीएम की निष्पक्षता का मुद्दा उठा दिया है. दिग्गी राजा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें एक विशेषज्ञ यह कहता नजर आ रहा है कि किसी भी ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है.
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल पर वीडियो शेयर कर निर्वाचन आयोग को ईवीएम की निष्पक्षता के संबंध में चुनौती दी है. दिग्विजय सिंह ने कहा है, 'क्या चुनाव आयोग के पास यह हिम्मत है कि वह किसी हैकर (Hacker) को बुलाए और उसे ईवीएम का फिजिकल-एक्सेस (मशीन को छूने या छेड़छाड़ करना) दे, ताकि वह हैकर यह साबित कर सके कि कोई भी मशीन, जिसमें चिप का इस्तेमाल होता है, वह टैंपर-प्रूफ नहीं होती है.'
दिग्विजय सिंह ने जिस वीडियो के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग को ईवीएम के निष्पक्ष होने संबंधी चुनौती दी है, उसमें एक विशेषज्ञ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के सुरक्षित होने या न होने को लेकर व्याख्यान देता दिखाई दे रहा है. वीडियो में विशेषज्ञ ने अमेरिका और भारत के ईवीएम की तुलना करते हुए बताया है कि कोई भी मशीन जिसमें चिप का इस्तेमाल किया जाता है, उसे हैक करना मुश्किल नहीं है. विशेषज्ञ ने अपने अध्ययनों से ईवीएम के सुरक्षित होने के दावे पर संदेह जताया है.