नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) हिंसा मामले में विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने सख्त कार्रवाई की मांग की है. मायावती ने कहा, 'जेएनयू में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक है. केंद्र सरकार को इस घटना को अति-गंभीरता से लेना चाहिए. साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो जाए तो यह बेहतर होगा.'
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'जेएनयू के छात्राओं के हॉस्टल में रात को घुसकर एबीवीपी के गुंडों द्वारा जो मारपीट की गई है, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं. दिल्ली पुलिस देखती रही. क्या भारत के गृह मंत्री पर जवाबदारी नहीं बनती? गृह मंत्री या तो इन गुंडों पर सख्त कार्यवाही करें या इस्तीफा दें.'
लाठी-डंडे से हमला
बता दें, जेएनयू परिसर में रविवार की शाम कुछ नकाबपोश बदमाश घुस गए थे. वे हाथ में डंडे और लोहे की रॉड लिए हुए थे. उन्होंने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की बेरहमी से पिटाई कर दी. पिटाई से जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित दो पदाधिकारी घायल हो गए. आइशी की सर पर डंडे से हमला किया गया. हमले के बाद लहूलुहान आइशी की तस्वीरें सोशल मीडिया में छा गईं. उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. दो घंटे तक यूनिवर्सिटी में अफरा-तफरी का आलम रहा. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 28 लोग घायल बताए जा रहे हैं.
आरोप-प्रत्यारोप शुरू
हिंसा को लेकर वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है. जेएनयू में हिंसा की खबरें मीडिया में आते ही दिल्ली की सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया.
जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर लंबे समय से प्रोटेस्ट चल रहा है. बताया जा रहा है कि शनिवार को जेएनयू छात्र संघ ने सर्वर रूम को लॉक कर दिया था इसको लेकर एबीवीपी और लेफ्ट विंग के स्टूडेंट्स में हल्की झड़प हुई थी. रविवार को जेएनयू छात्र संघ की ओर से साबरमती हॉस्टल से मार्च निकाला जाना था. इस दौरान यहां हिंसा हुई.