बिलासपुर
मुंगेली जिले के सरगांव के थाना प्रभारी सब-इंस्पेक्टर पर एक महिला आरक्षक की मां ने गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और उच्चाधिकारियों से तत्काल निलम्बन की कार्रवाई की मांग की है। मुंगेली पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि यह शिकायत मुझे वाट्सअप पर मिली है वे इसकी जांच के लिए अधिकारी की नियुक्ति कर रहे हैं। पीड़ित आरक्षक का कहना है कि वह बहुत दहशत में हैं, मेरे साथ न्याय नहीं हुआ तो वह कुछ कर डालेगी।
महासमुंद की सायरा बानो की शिकायत के अनुसार कि उनके पति मो. अन्सार का ट्रांसपोर्ट का कारोबार है। उन्होंने फाइनेंस पर ली हुई एक ट्रक को निरंतर किश्त पटाने के अनुबंध के साथ चलाने के लिए भिलाई के नजम हुसैन को दिया था। नजम हुसैन ने ट्रक लेने के बाद लगातार किश्त नहीं पटाई। दो किश्त नहीं पटने पर पति अंसार ने सरगांव जाकर थाने में सूचना देते हुए वहां चल रहे ट्रक को ड्राइवर से अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद नजम हुसैन ने सरगांव थाने में ट्रक लूटने की शिकायत दर्ज करा दी।
शिकायत और पीड़िता से हुई बातचीत के अनुसार थाना प्रभारी नागर ने बिना जांच-पड़ताल के पति मो. अंसार, पुत्र मो. मंसूर और रायपुर में कार्यरत पुत्री आरक्षक रूबिना बानो के खिलाफ झूठा एफआईआर घटना के नौ दिन बाद दर्ज कर लिया। जबकि घटना दिनांक को उसकी आरक्षक पुत्री कंट्रोल रूम रायपुर में ड्यूटी पर थी। इसके रिकार्ड दर्ज हैं। बीते 12 जनवरी को सुबह 10.45 बजे उप निरीक्षक मनीष नागर और उसके स्टाफ ने रायपुर आकर लूट की फर्जी शिकायत दर्ज होने का हवाला देते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। जिस वक्त गिरफ्तारी की गई, आरक्षक की ड्यूटी पुजारी पार्क रायपुर में एक कव्वाली के कार्यक्रम में थी। यह ड्यूटी पुलिस लाइन की ओर से 14 जनवरी तक के लिए लगाई गई थी।
रायपुर में गिरफ्तार करने के बाद सब-इंस्पेक्टर सीधे उसे महासमुंद लेकर गया। वहां गाड़ी को दूर खड़ा किया गया। रूबिना ने कहा कि मुझे घर वालों से मिलने दें। पर उन्होंने नहीं मिलने दिया। वह मोबाइल से भी घर में और पुलिस लाइन में सूचना देना चाह रही थी पर नागर ने उनका मोबाइल फोन छीन लिया था। महासमुंद से सरगांव लाया गया। सरगांव में रात भर थाने में बिठाया गया। इस दौरान नागर ने छोडऩे के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की। जब रुबिना ने असमर्थता जताई तो नागर बार-बार पूछता रहा कि और क्या दे सकती हो? दूसरे दिन सुबह उसे मुंगेली की कोर्ट में हथकड़ी लगाकर पेश किया गया। वकीलों के विरोध के बाद उसकी हथकड़ी निकाली गई। कोर्ट ने आरक्षक को तुरंत जमानत दे दी। मुंगेली पुलिस अधीक्षक चैत दास टंडन ने बताया कि उन्हें वाट्स अप से इस शिकायत की कॉपी मिली है। मैं इसकी जांच के लिए अधिकारी नियुक्त कर रहा हूं। जांच से जो भी रिपोर्ट सामने आएगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जायेगी।