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तोक्यो ओलिंपिक: डोपिंग के लिए रूस पर 4 साल का बैन, जानें क्या होगा असर

लुसाने 

विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने सोमवार को रूस पर तोक्यो ओलिंपिक 2020 और पेइचिंग शीतकालीन ओलिंपिक 2022 सहित वैश्विक खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वाडा के प्रवक्ता जेम्स फिट्जगेराल्ड ने कहा, ‘सिफारिशों की पूरी सूची सर्वसम्मति से स्वीकार कर ली गई है। वाडा कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया कि रूसी डोपिंगरोधी एजेंसी ने चार साल तक नियमों का पालन नहीं किया।’ 

 

क्यों लगाया गया बैन

वाडा ने रूस पर एक डोपिंगरोधी प्रयोगशाला से गलत आंकड़े देने के आरोप लगाए और इस कारण उस पर 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया। वाडा की लुसाने में कार्यकारी समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। बता दें कि मैकलारेन रिपोर्ट 2016 में जारी की गई थी जिसमें रूस में विशेषकर 2011 से 2015 तक सरकार प्रायोजित डोपिंग का खुलासा किया गया था। 

 

खिलाड़ी ले सकेंगे हिस्सा, लेकिन… 

इस फैसले का मतलब होगा कि रूसी खिलाड़ी तोक्यो ओलिंपिक में तटस्थ खिलाड़ी के तौर पर भाग ले सकते हैं लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जबकि वे यह साबित करेंगे कि वे डोपिंग की उस व्यवस्था का हिस्सा नहीं थे, जिसे वाडा सरकार प्रायोजित मानता है। फिट्जगेराल्ड ने कहा, ‘उन्हें यह साबित करना होगा कि वे रूसी डोपिंग कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थे जैसा कि मैकलारेन रिपोर्ट में कहा गया है या उनके नमूनों में हेराफेरी नहीं की गई थी।’ 

 

अपील- रूस के पास 21 दिन का समय 

यह फैसला रूस की डोपिंग रोधी एजेंसी (रुसाडा) की प्रयोगशालाओं द्वारा इसी साल जनवरी में दिए गए डाटा को अयोग्य करार दिए जाने के बाद लिया गया है। रुसाडा के पास अब इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 21 दिनों का समय है और अगर वह अपील करते हैं तो इस अपील को खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में भेजा जाएगा। वाडा की उपाध्यक्ष लिंडा हेलेलैंड ने कहा कि चार साल का प्रतिबंध काफी नहीं है। 

 

यूरो-2020 में खेलेगी टीम, क्योंकि… 

उल्लेखनीय है कि रूस पर 2015 से ही एक राष्ट्र के तौर पर खेलने पर प्रतिबंध है। इस प्रतिबंध के बाद भी हालांकि रूस यूरो-2020 में हिस्सा ले सकेगी, क्योंकि यूरोप की फुटबॉल संस्था यूईएफए को खेल के बड़े आयोजकों में नहीं गिना जाता है। 

 

2022 विश्व कप क्वॉलिफायर्स में खेल सकता है 

विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के एक अधिकारी ने डोपिंग मामले चार साल का प्रतिबंध लगने के बाद भी रूस 2022 मे होने वाले फीफा विश्व कप के क्वॉलिफाइंग मुकाबले खेल सकता है। वाडा की अनुपालन समीक्षा समिति के अध्यक्ष जोनाथन टेलर ने कहा, ‘चूकि क्वॉलिफायर्स से विश्व चैम्पिशन तय नहीं होगा इसलिए रूस इसमें भाग ले सकता है। यह फैसला विश्व कप के स्तर के प्रतियोगिताओं के लिए है।’ उन्होंने कहा, ‘फीफा इसके लिए नया प्रस्ताव ला सकता है।’ 

 

ऐथलीटों को अगर नहीं खेलने का मौका मिला तो क्या होगा असर 

फिलहाल माना जा रहा है कि ओलिंपिक में रूसी ऐथलीट तटस्थ खिलाड़ी के तौर पर भाग ले सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो किन बड़े ऐथलीटों पर असर पड़ेगा आइए जानें… 

 

1. मरियन लसिस्टकेन (महिला हाई जंपर) 

वर्ल्ड नंबर वन हैं और 2017 और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीते हैं। 

 

2. अंजेलिका सिदोरोवा (महिला पोल वॉल्ट) 

दोहा वर्ल्ड चैंपियनशिप-2019 में गोल्ड मेडल, यूरोपियन चैंपियनशिप-2019 में गोल्ड मेडल। 

 

3. मिखायल अकिमेंको (पुरुष हाई जंपर) 

दोहा वर्ल्ड चैंपियनशिप-2019 में सिल्वर मेडलिस्ट। 

 

4. इल्लिया आईवनयुक (पुरुष हाई जंपर) 

दोहा वर्ल्ड चैंपियनशिप-2019 में ब्रॉन्ज मेडलिस्ट। 

 

5. सर्जेई शुबेंकोव (पुरुष हर्डल) 

वर्ल्ड चैंपियनशिप-2017 और 2017 के 110 मीटर में सिल्वर मेडलिस्ट। 

 

6. वासिली मिजिनोव (ट्रैक ऐंड फील्ड, ऐथलेटिक्स) 

वर्ल्ड चैंपियनशिप-2019 में 20 किमी वॉक के सिल्वर मेडलिस्ट। 

 

7. निकिता नागोर्नी (पुरुष जिम्नैस्ट) 

वर्ल्ड चैंपिनशिप-2019 में 3 गोल्ड मेडल, ओलिंपिक-2016 में सिल्वर मेडल (टीम इंवेंट)। 

 

8. व्लादिमीर मोरोजोव (पुरुष स्विमर) 

100 मीटर इंडिविजुअल मेडले में मौजूदा वर्ल्ड रेकॉर्ड होल्डर। 

 

9. क्लिमेंट कोलेसनिकोव (पुरुष स्विमर) 

2018 समर यूथ ओलिंपिक में 6 गोल्ड मेडल। 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल। 

 

10. एंटोन चुपकोव (पुरुष स्विमर) 

2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप के 200 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक इवेंट का गोल्ड मेडल 

 

11. इवजेनी रिलोव (पुरुष स्विमर) 

2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप के 200 मीटर बैकस्ट्रोक इवेंट का गोल्ड मेडल। 

 

12. युलिआ इफिमोवा (महिला स्विमर) 

ओलिंपिक-2016 में दो सिल्वर मेडल। 

 

13. दानिल मेदवेदेव (पुरुष टेनिस) 

वर्ल्ड नंबर-5 रैंकिंग और 2019 में 5 सिंगल्स टाइटल विजेता। यूएस ओपन-2019 के रनरअप। 

 

14. रॉमन व्लासोव (पुरुष रेसलिंग) 

2012 और 2016 ओलिंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट। 

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