पटना
राज्य सरकार के तीन मंत्रियों ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की 23 फरवरी से शुरू होने वाली बेरोजगारी हटाओ यात्रा के लिए खरीदी गई हाईटेक बस में आर्थिक जालसाजी हुई है। राज्य सरकार इसकी जांच कराएगी। मंत्रियों ने तेजस्वी यादव से जवाब मांगा कि बस खरीद में किसका पैसा लगा है।
मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मंगल पाल के नाम पर बस की खरीद की गई है, जो अतिपिछड़ा समाज से आते हैं। इस तरह एक गरीब को इस मामले में मोहरा बनाया गया है। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार, योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी और ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मंगल पाल ने अंगूठे का निशान लगाकर पिछले महीने जनवरी में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत छह किलो गेहूं और नौ किलो चावल का उठाव किया है। उनका नाम बीपीएल सूची में भी है। इंदिरा आवास का भी लाभ उन्होंने लिया है। ऐसे में मंगलपाल कैसे 33 लाख की बस खरीद सकते हैं। नीरज कुमार ने कहा कि राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने गलत जानकारी दी है कि मंगल पाल का सालाना टर्वओवर 70 लाख रुपये का है। उन्होंने मंगल पाल के बारे में जो जानकारी दी, उससे संबंधित कागजात भी मीडिया को दिखाएं।
मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि इस बस से यात्रा करने पर तेजस्वी यादव के खिलाफ धारा 420 और 467 के तहत मुकदमा भी हो सकता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में युवा जदयू प्रवक्ता ओम प्रकाश सिंह सेतु भी मौजूद थे।