मध्य प्रदेश

तेंदुए की खाल तस्करी में शामिल चौथा तस्कर भी गिरफ़्तार, गिरोह का पर्दाफ़ाश

भोपाल
भोपाल (Bhopal) में वन विभाग के उड़नदस्ते (Flying squad) ने तेंदुए की खाल (Leopard skin) की तस्करी  करने वाले गिरोह के चौथे तस्कर (Smuggler) को भी पकड़ लिया. रोहित यदुवंशी नाम का ये तस्कर ग्वालियर में फरारी काट रहा था. वो किसी काम से भोपाल आया था. सूचना मिलने पर टीम ने उसे धरदबोचा.

भोपाल वन विभाग की टीम ने तेंदुए की तस्करी में लिप्त एक और तस्कर को गिरफ़्तार कर लिया. उसके बाक़ी तीन साथी पहले ही पकड़े जा चुके हैं.वन विभाग की टीम को खबर मिली थी कि रोहित यदुवंशी भोपाल आया हुआ है. मुखबिर ने उसकी लोकेशन भी बतायी. सूचना मिलते ही उड़न दस्ता फौरन पहुंच गया औऱ उसे करोंद मंडी में पकड़ लिया. रोहित भोपाल से फरार होने की फिराक में था. वन अमले ने पूछताछ के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे 23 दिसंबर तक जेल भेज दिया गया.

उड़नदस्ता प्रभारी आर के चतुर्वेदी से मिली जानकारी के मुताबिक तेंदुए की खाल तस्करी में शामिल ग्राम महौली, अयोध्या रोड में रहने वाला रोहित यदुवंशी कई दिन से फरार था. वो ग्वालियर में फरारी काट रहा था. अधिकारियों को सूचना मिली थी कि आरोपी रोहित शनिवार देर रात कुछ खास काम से ग्वालियर से भोपाल आया है और भोपाल छोड़कर भागने की फिराक में है. इस सूचना पर वन अमले ने करोंद मंडी में घेराबंदी की. थोड़ी ही देर में वो टीम के हाथ लग गया. बीती 21 नवंबर को क्राइम ब्रांच ने बैतूल से बस में सवार होकर आए सत्यपाल बावले को तेंदुए की खाल सहित गिरफ्तार किया गया था. वो महाराष्ट्र के सालबर्णी गांव का रहने वाला था. वो भोपाल के रितेश गर्ग और रोहित यदुवंशी को खाल की डिलीवरी देने आया था.

आरोपी सत्यपाल से मिली जानकारी के आधार पर वन विभाग की टीम ने 28 नवंबर को भोपाल के महाराणा प्रताप नगर से फरार रितेश को गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद सत्यपाल को तेंदुए की खाल देने वाले एक अन्य आरोपी अब्दुल ऐफाज को बैतूल के सालबर्डी से गिरफ्तार किया था. आरोपी ऐफाज भी जेल मे बंद है. रोहित तब से फरार था.

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