नई दिल्ली
कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की नापाक कोशिशों पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान अब दूसरी योजना पर काम कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान घाटी में अशांति फैला सकता है। कश्मीर मुद्दे पर अलग-थलग पड़ने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से ठीक पहले पाकिस्तान अब आतंकियों अथवा उग्रवादियों द्वारा घुसपैठ के जरिए और और ज्यादा से ज्यादा सीजफायर का उल्लंघन कर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव बढ़ा सकता है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक न्यूयॉर्क में 24 से 30 सितंबर के बीच होगा।
दिल्ली स्थित राजनयिकों और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, न्यूयॉर्क और जेनेवा में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपनी अमेरिकी यात्रा पर पीएम मोदी के साथ नहीं हैं। अजीत डोभाल ने जम्मू-कश्मीर पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखने का फैसला किया है क्योंकि नई दिल्ली का मानना है कि इस्लामाबाद संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण से पहले घाटी में हिंसा को बढ़ाने की कोशिश करेगा। ऐसे में डोभाल पाकिस्तान और उसकी गतिविधियों पर पूरी नजर बनाए रखेंगे।
राजनयिकों ने यह भी कहा कि इस्लामिक कांफ्रेंस ऑफ ऑर्गनाइजेशन (OIC) की इस हफ्ते हुई बैठक में फिलिस्तीन पर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के आक्रामक बयान को लेकर अरब देशों के साथ कश्मीर मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा आगे कहा कि राजनयिक रूप से भारत सरकार को बता दिया गया है।
इसी तरह, अन्य अंतरराष्ट्रीय समूहों मसलन राष्ट्रमंडल राष्ट्रों ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि उन्हें मोदी सरकार द्वारा पिछले महीने अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले के संदर्भ में कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोई जरूरत नहीं है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अधिवेशन में भी पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था, मगर वहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी थी। भारत सरकार के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अधिवेशन में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था और अंतर्राष्ट्रीय पटल पर स्पष्ट कर दिया था कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।