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डॉक्टरों पर हमला करने वालों को हो सकती है सात साल की सजा


कोरोना से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं, कई राज्यों में स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर हमले हो चुके हैं।

नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए लाए गए अध्यादेश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है। पीएम ने कहा कि यह हमारे पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों से कोरोना के खिलाफ काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले हो चुके हैं।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 कोरोना वायरस से फ्रंटलाइन पर बहादुरी से लड़ रहे हमारे हर स्वास्थ्यकर्मी की रक्षा करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह हमारे पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। उनकी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो सकता है।

स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को 123 साल पुराने कानून में बदलाव कर स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया गया। इस अध्यादेश के तहत डॉक्टरों और अन्य हेल्थ कर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम 7 साल तक की सजा हो सकती है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार डॉक्टरों और नर्सों पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों पर 50 हजार से 2 लाख के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा 3 महीने से 5 साल की सजा भी हो सकती है। जबकि गंभीर चोट के मामले में अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला गैरजमानती होगा।

27 अप्रेल को सभी मुख्यमंत्रियों से प्रधानमंत्री करेंगे बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रेल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान पीएम मोदी राज्यों के साथ कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई की समीक्षा कर सकते हैं। इस बैठक में लॉकडाउन को लेकर भी बातचीत संभव है। पिछली बार भी पीएम ने लॉकडाउन खत्म होने से पहले राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी।

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