रायगढ़
कलेक्टर यशवंत कुमार ने आज सीएमएचओ कार्यालय रायगढ़ के सभाकक्ष में नगर निगम पार्षदों के लिए आयोजित डेंगू नियंत्रण एवं जागरूकता अभियान कार्यशाला में सभी जनप्रतिनिधियों से डेंगू रोग के विस्तार के कारणों की विस्तृत समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए नगर के समस्त नागरिकों का सहयोग बहुत आवश्यक है। डेंगू का लार्वा साफ पानी में ही पैदा होता है, जिसकी ज्यादातर संभावना घरों में फ्रीज, गमलों, सकोरो, पानी की टंकी, कूलर इत्यादि में रूके एवं जमे हुए पानी में होता है। जनजागरूकता के अभाव में हम घरों में ही डेंगू के लार्वा के पनपने और बढऩे का वातावरण निर्मित कर लेते है, जो आगे चलकर हमें ही नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि घर के अंदर कहीं भी पानी रूकने या जमा होने न दें। सभी रूके हुए पानी को खाली कर दें तथा वस्तुओं अथवा बर्तनों को अच्छे से रगड़कर साफ करें। टेमीफॉस दवा का उपयोग करें और नालियों तथा जहां पानी खाली नहीं किया जा सकता वहां जला हुआ मोबिल या मिट्टी तेल का छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेंगू के रोकथाम के लिए जिला प्रशासन गंभीरता पूर्वक प्रयास कर रहा है तथा जनप्रतिनिधियों तथा आम नागरिकों से भी सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने पार्षदों से अपील करते हुए कहा कि अपने वार्डाे में लोगों को डेंगू के बारे में जागरूक करें तथा जो स्वास्थ्य कर्मी डेंगू लार्वा के सर्वे में जा रहे है उन्हें सहयोग प्रदान करने के लिए भी प्रेरित करें। उन्होंने निगम उपायुक्त को पूरे नगर की सफाई व्यवस्था बनाये रखने में कोताही न करने व बेहतर प्रबंधन के साथ कार्य करने के स्पष्ट निर्देश दिए। सफाई के विषय में पार्षदों से भी कहा कि अपने वार्ड में सुबह 1 से 2 घंटे निगम कर्मियों के साथ सफाई कार्य में सहयोग तथा मॉनिटरिंग करें। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से आम जनता को जागरूक कर इस रोग की रोकथाम बहुत जल्दी की जा सकती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी ने उपस्थित सभी पार्षदों एवं जनप्रतिनिधियों को प्रजेन्टेशन के माध्यम से डेंगू बीमारी के कारण, लक्षण तथा रोकथाम के उपायों के बारे में विस्तार से बताया। डेंगू एडिज एजीप्टि मच्छर के काटने से होता है जो प्रायरू दिन में काटता है। यह मच्छर रोग का वाहक होता है तथा एक संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ शरीर में डेंगू वायरस पहुंचाता है। इसके लक्षणों में सिर व हाथ-पैर में दर्द के साथ बुखार आना, आंख के अंदर दर्द होना, लाल चकते उभरना और गंभीर अवस्था में मुंह व नाक से खून बहना प्रारंभ हो जाता है। एनएसवन रेपिट किट तथा एलिसा टेस्ट के माध्यम से डेंगू की जांच की जाती है। डेंगू से बचने के लिए पूरे बाँह के कपड़े पहनना तथा सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर नगर निगम के सभापति सलीम नियारिया, निगम के पार्षदगण तथा स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।