मध्य प्रदेश

टीकमगढ़ कोतवाली पुलिस का कारनामा, बेकसूर व्यक्ति पर अवैध हथियार का किया मामला दर्ज

टीकमगढ़
मध्यप्रदेश में सत्ता तो बदल गई, लेकिन सत्ता बदलने के बाद लोग चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं। शायद यह कमलनाथ सरकार ने भी नहीं सोचा होगा कि उनकी पुलिस ऐसे कारनामे करेगी और किसी व्यक्ति को थाने बुलाकर उसके खिलाफ फर्जी 25/27 अवैध हथियार रखकर घूमने का मामला दर्ज कर देगी। आप सोच रहे होंगे ऐसे कैसे हो सकता है, तो ऐसा हुआ है। टीकमगढ़ कोतवाली पुलिस का यह कारनामा सामने आया है। फिलहाल यह सब क्यों किया जा यह वह लोग ही बता सकते हैं जो ऐसी कार्यवाहियों में लिप्त हैं। शहर में चर्चा तो यह भी है कि कोतवाली पुलिस के इस कारनामे से कहीं न कहीं सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या सच में सरकार को बदनाम करने के लिए किसी विपक्षी नेता के कहने पर ऐसी कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है..?

मामला दिनाँक 28 सितंबर की शाम से जुड़ा है। शहर के हरिजन बस्ती में रहने वाले एक हरिजन युवक अनूप बाल्मीकि को कोतवाली पुलिस द्वारा किसी मामले में पूंछतांछ करने के उद्देश्य से बुलाया जाता है, उससे पूंछतांछ भी की जाती है, जब पूंछतांछ के दौरान पुलिस को कुछ हासिल नहीं होता, तो इस हरिजन युवक के विरुद्ध अवैध हथियार रखने का मामला बना दिया जाता है। 27 सितंबर की रात 08-09 बजे के बीच इसे कोतवाली की हवालात में बंद किया जाता है और 28 सितंबर को इसके विरुद्ध मामला दर्ज किया जाता है क्या यह सब करना चाहती है कमलनाथ पुलिस। इस मामले में सब बचते नजर आ रहे हैं। जब इस सारे मामले की जानकारी मीडिया को लगी, तो उ होने इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से उनका पक्ष जानना चाहा, तो किसी ने भी कुछ बोलने से मना कर दिया। एएसपी एमएल चौरसिया ने कहा कि मुझे इडकी जानकारी नहीं। जब एएसपी को भी इसकी जानकारी नहीं है, तो आखिर यह कार्यवाही किसके कहने पर की गई।

इस मामले की सत्ययता अगर किसी को जाननी है, तो हवालात और कोतवाली में लगे सीसीटीवी से पता लगाया जा सकता है। 27 सितंबर से लेकर आज दिनाँक तक के सीसीटीवी अगर कोतवाली पुलिस सावर्जनिक करे, तो शायद इस मामले की हकीकत सामने आ सकती है। फिलहाल जब पुलिस ही इस मामले में फंसती नजर आ रही है, तो वह इन सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग क्यों उजागर करेगी।

शहर में अगर कोई व्यक्ति अवैध हथियार लेकर घूमता है, तो प्रेस को वाकायदा प्रेस नोट बनाकर पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है, किन्तु इस मामले में थाना प्रभारी अनिल मोर्य ने शोशल मीडिया के जरिये प्रेस को जानकारी तो दी, लेकिन उसे भी घुमाफिराकर..! पूरी जानकारी इसलिए नहीं दी गई कि जब यह जानकारी डाली जा रही थी, उस समय कायमी नहीं हुई थी, इसलिए इस प्रेस नोट में किस स्थान से युवक को पकड़ा यह भी डालना पुलिस भूल गई। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि दाल में कुछ काला है।

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