नई दिल्ली
हाल ही में कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल होकर हलचल मचाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के कथित जमीन घोटाले मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EWO) ने फिर से जांच शुरू कर दी है। ये मामला 10 हजार करोड़ की जमीन के घोटाले का है। उनपर एक ही जमीन को कई बार बेचने का आरोप है। साथ ही सरकारी जमीन को भी बेचने का आरोप है। 2014 में मामले की जांच हो चुकी है।
गौरतलब है कि कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होते वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया पुरानी पार्टी पर खूब बरसे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जड़ता की शिकार हो गई है और नए नेतृत्व के लिए सही वातावरण नहीं है। उन्होंने मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर किसानों-युवाओं से किए वादे न निभाने तथा भ्रष्टाचार में डूबे रहने का आरोप लगाया। बीजेपी में शामिल करने के लिए मोदी का धन्यवाद देते हुए सिंधिया ने कहा कि देश के इतिहास में शायद किसी को भी इतना बड़ा जनादेश नहीं मिला, जितना कि एक बार नहीं दो बार हमारे प्रधानमंत्री जी को मिला है।ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा की सदस्यता दिलाते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि राजमाता विजयराजे सिंधिया ने भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की स्थापना और विस्तार करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। जेपी नड्डा ने कहा, 'आज उनके पौत्र हमारी पार्टी में आए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार के सदस्य हैं और हम उनका स्वागत करते हैं।
भोपाल- आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EWO) ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कथित जमीन घोटाले मामले में फिर से जांच शुरू की। 10 हजार करोड़ की जमीन के घोटाले का है मामला। एक ही जमीन को कई बार बेचने का आरोप है, सरकारी जमीन को भी बेचने का आरोप है। 2014 में मामले की जांच हो चुकी है। (फाइल फोटो)
'पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निकाला'
सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने कहा था कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निष्कासित किया गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने को स्वीकृति प्रदान की।'