श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधान हटाए जाने के बाद से आतंकी बौखलाए हुए हैं। आज ही मोदी सरकार के इस कदम के दो महीने पूरे हुए हैं। इस बीच अनंतनाग जिले में शनिवार को आतंकवादियों ने ग्रेनेड से हमला कर दिया। उपायुक्त (डीसी) कार्यालय के बाहर शनिवार को आतंकवादियों के ग्रेनेड हमले में ट्रैफिक पुलिस के एक जवान और एक स्थानीय पत्रकार सहित 14 लोग घायल हो गए। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को पांच अगस्त को रद्द करने के बाद यह दूसरा ग्रेनेड हमला है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग में कड़ी सुरक्षा वाले डीसी कार्यालय परिसर के बाहर सुरक्षा गश्ती दल पर सुबह करीब 11 बजे ग्रेनेड फेंका गया। उन्होंने बताया कि ग्रेनेड का निशाना चूक जाने के कारण वह सड़क के पास ही फट गया, जिससे ट्रैफिक पुलिस का एक कर्मी और एक स्थानीय पत्रकार सहित 14 लोग घायल हो गए।
13 घायलों को अस्पताल से मिली छुट्टी
उन्होंने बताया कि सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 13 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। एक व्यक्ति अब भी अस्पताल में भर्ती है, लेकिन उसकी हालत अब स्थिर है। हमले के बाद इलाके में तनाव है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर हमले में शामिल आतंकवादियों की तलाश शुरू कर दी है। अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
28 सितंबर को श्रीनगर में हुआ था ग्रेनेड अटैक
इससे पहले श्रीनगर के नवा कदल इलाके में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए सीआरपीएफ की 38वीं बटालियन के कर्मियों पर भी आतंकवादियों ने 28 सितम्बर को ग्रेनेड हमला किया था। हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था।
5 अगस्त को आर्टिकल-370 पर उठाया कदम
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य के संवैधानिक दर्जे पर कदम उठाते हुए आर्टिकल-370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटा दिया था। इसके बाद राज्य में पीडीपी, नैशनल कॉन्फ्रेंस के बड़े नेताओं को नजरबंद किया गया था। महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला समेत तमाम बड़े नेता अभी नजरबंद हैं। इस दौरान प्रशासन ने इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर भी प्रतिबंध लागू किया था।
24 अक्टूबर को बीडीसी चुनाव
इस बीच निकाय चुनाव को देखते हुए प्रशासन ने जम्मू क्षेत्र के ज्यादातर नेताओं की नजरबंदी खत्म कर दी थी। राज्य के निर्वाचन अधिकारियों ने 310 ब्लाकों में ब्लॉक विकास परिषदों के अध्यक्षों के चुनाव के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी की है। 24 अक्टूबर को चुनाव होंगे। राज्यपाल के सलाहकार फारूख खान ने संकेत दिए हैं कि जम्मू के बाद अब कश्मीर के नेताओं की भी नजरबंदी जल्द खत्म हो सकती है। खान ने कहा कि व्यक्तिगत विश्लेषण के बाद एक-एक करके नेताओं को नजरबंदी से मुक्त किया जाएगा।