नई दिल्ली
दिल्ली से सटे साहिबाबाद की गिरधर एंक्लेव कॉलोनी के एक मकान में कानून के छात्र की हत्या कर शव जमीन में 6 फुट नीचे दफनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। युवक 9 अक्टूबर से लापता था। सोमवार सुबह जमीन खोदकर शव को क्षत-विक्षत अवस्था में बाहर निकाला गया। हत्या का आरोप मृतक के पूर्व मकान मालिक पर है। आरोपी परिवार समेत घर से फरार है।
बलिया के रहने वाले नरेंद्र सिंह का 30 वर्षीय पुत्र पंकज कुमार सिंह जीटी रोड स्थित आईएमई कालेज में एलएलबी चतुर्थ वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। पंकज ने कॉलेज के पास बनी गिरधर एंक्लेव कालोनी में ही किराये पर कमरा लेने के साथ फ्रेंड के नाम से एक साइबर कैफे चला रखा था और करीब 20 बच्चों को ट्यूशन भी दे रहा था। मृतक के पिता नरेंद्र सिंह के मुताबिक 9 अक्टूबर की सुबह से पंकज का फोन नहीं लग रहा था। परिजनों ने काफी तलाशने के बाद पुलिस को मामले की सूचना दी। इस मामले में 12 अक्टूबर को युवक की गुमशुदगी साहिबाबाद थाने में दर्ज की गई।
शनिवार सुबह परिजनों के कहने पर पुलिस ने कॉलोनी के ही मुन्ना यादव के मकान में बने बेसमेंट के एक कमरे में शक के आधार पर खुदाई शुरू की, लेकिन तीन फुट खोदने के बाद खुदाई बंद कर दी। इसके बाद रविवार को खुदाई की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला। पड़ोसियों और परिजनों के कहने पर सोमवार सुबह फिर खुदाई शुरू कराई गई। सुबह 8:30 बजे खुदाई के दौरान जमीन से 6 फुट नीचे पंकज का शव बरामद हो गया। जिस कमरे से शव बरामद हुआ उस कमरे से पुलिस को डिओडरेंट की पांच खाली शीशी भी बरामद हुई हैं। इसके साथ ही एक केमिकल भी बरामद हुआ है। तीनों कमरों में आरोपी ने फर्श पर सीमेंट की लेप लगाई थी ताकि लगे कि तीनों कमरों की फर्श नई बनाई गई है। लोगों ने बताया कि मुन्ना घर बनाने का काम जानता था, इसलिए उसे फर्श पर सीमेंट की लेप लगाते हुए दिक्कत नहीं हुई। मृतक के भाई मनीष कुमार सिंह की शिकायत पर साहिबाबाद थाने में मुन्ना यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
साहिबाबाद के सीओ राजेश कुमार मिश्र ने कहा कि परिजनों की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी की तलाश की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी के बाद हत्या की वजह का पता चल सकेगा।
फुटेज नहीं मिली
पंकज की हत्या के आरोपी मुन्ना के घर के सामने सीसीटीवी लगा है। उसमें शनिवार से पहले 15 दिन की फुटेज नहीं है। लोगों ने आशंका जाहिर की है कि आरोपी ने घटना को अंजाम देने के लिए चिप निकाल लिया होगा।
होनहार था पंकज
आईएमई कालेज के शिक्षकों व छात्रों ने बताया कि पंकज होनहार विद्यार्थी था। नवरात्र में नौ दिन व्रत रखा था। पिता नरेंद्र ने बताया कि पंकज तीस हजारी कोर्ट में एक अधिवक्ता के पास वकालत का अभ्यास करने भी जाता था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलेगा किस दिन हुई हत्या
मुन्ना यादव का गिरधर एंक्लेव में जिस स्थान पर मकान है वह गली का सबसे आखिरी छोर है। कोने पर मुन्ना का 50 गज के भूखंड पर चार मंजिला मकान बना हुआ है। जिसमें एक तल पर वह खुद परिवार के साथ रहता था जबकि दो तल पर किराएदार रहते हैं। पंकज भी एक महीने पूर्व इसी मकान के दूसरे तल पर किराएदार रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शव की हालत बेहद खराब हो गई थी। युवक ने लोअर और टीशर्ट पहनी हुई थी। उसका शरीर छोटे गढ्ढे में मुश्किल से डाला गया था। सिर जमीन के बल था और गले पर कट लगा हुआ था। पुलिस का कहना है कि हत्या किस दिन हुई इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लगेगा।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया
पंकज के पिता नरेंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस को 10 अक्टूबर को ही पंकज के लापता होने की सूचना दी गई थी इसके बावजूद उसकी गुमशुदगी 12 अक्टूबर को दर्ज की गई है। कॉलोनीवासियों ने बताया कि पंकज के लापता होने के बाद कॉलोनी के गेट पर लगे सीसीटीवी को जांचा गया, तो बुधवार सुबह 9:57 बजे पंकज लोअर-टीशर्ट में सेब खाते हुए अंदर की ओर आते दिखे। कॉलोनीवासियों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पंकज के परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मुन्ना को पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन वह नहीं गया। इस दौरान वह फरार हो गया। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
पंकज एक महीने मुन्ना यादव के मकान में रहा
परिजनों के मुताबिक पंकज एक महीने पूर्व करीब एक महीने के लिए मुन्ना यादव के मकान में किराए पर रहा था। उसके बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाता था। पंकज जिस साइबर कैफे को चला रहा था उसे पंकज की अनुपस्थिति में मुन्ना के बच्चे संभालते थे। मुन्ना ने पंकज को साइबर कैफे उसे देने को कहा था, लेकिन पंकज ने मना कर दिया। इसके बाद पंकज उनका कमरा खाली कर कॉलोनी निवासी नवीन त्यागी के यहां रहने लगा।