भोपाल
प्रदेश सरकार को छह बार कृषि कर्मण पुरस्कार दिलाने वाले भोपाल संभाग के करीब दो लाख किसानों को गेहूं का बोनस नहीं मिला है। वहीं प्रदेश के 10 लाख किसान स्टेट बोनस के लिए तरस रहे हैं। पिछले साल किसान समृद्धि योजना के तहत 160 रुपए प्रति क्विंटल की गई घोषणा पर ग्रहण लगा है। करीब 14 हजार करोड़ का भुगतान पेंडिंग है। जबकि रबी सीजन के पंजीयन शुरू हो गए हैं और केंद्र सरकार द्वारा बोनस की घोषणा कर दी है। प्रदेश सरकार साइलेंट मोड पर है जिससे किसानों में असंतोष है।
प्रदेश सरकार अन्नदाताओं के बदौलत छह बार कृषि कर्मण के खिताब से नवाजी जा चुकी है। बावजूद इसके स्टेट सरकार ने अब तक स्टेट बोनस की घोषणा ही नहीं की है। वही पिछले साल के बोनस का भुगतान भी बकाया है। केंद सरकार द्वारा नए सीजन वर्ष 2020 के लिए समर्थन मूल्यों की बोनस के साथ घोषणा की जा चुकी है। राज्य सरकार स्टेट बोनस पर चुप्पी साधे हुए है। भोपाल संभाग के करीब दो लाख एवं प्रदेश के 10 लाख किसानों बोनस की घोषणा को इंतजार है।
किसानों को एमएसपी योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है। इसके साथ ही किसानों के प्रोत्साहन के लिए स्टेट बोनस की घोषणा अलग से की जाती रही है। लेकिन इस बार राज्य सरकार के साईलेंट मोड पर आने से राज्य बोनस की घोषणा ही अभी तक नहीं की जा सकी है। जबकि कृषि विभाग के मुताबिक अब गेहूं के लिए 100 से 265 तक राज्य बोनस का आवंटन किसानों को किया जा चुका है। वहीं पिछले साल वर्ष राज्य सरकार द्वारा 160 रुपए प्रति क्विंटल बोनस राशि की घोषणा की गई थी । लेकिन यह अभी तक नहीं मिला है। प्रदेश के 10 लाख किसानों के 14 हजार करोड़ का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। वहीं भोपाल संभाग के 2 लाख किसान को भी बोनस नहीं मिला। मिनिमम सपोर्ट प्राइज के कृषि कल्याण एवं किसान लागत द्वारा खरीफ एवं रबी के लिए अलग-अलग फसलों को शामिल किया गया है। इसमें रबी फसलोें के लिए गेहूं,जौ,चना,मसूर,सरसों सहित अन्य फसल शामिल है।