नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (07 सितंबर, 2019) सुबह 8 बजे इसरो कंट्रोल सेंटर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी फिलहाल बेंगलुरु में हैं. वे चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए शुक्रवार को इसरो गए थे. चंद्रयान-2 के आखिरी चरण में भारत के मून लैंडर विक्रम से उस समय संपर्क टूट गया, जब वह शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. इससे 978 करोड़ रुपये की लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन पर संस्पेंस बढ़ गया है. इससे जहां इसरो के वैज्ञानिकों में निराशा देखने को मिली, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है. अपने संबोधन में पीएम मोदी चंद्रयान-2 मिशन की जानकारी दे सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, खुद प्रधानमंत्री मोदी ने तय किया कि वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए शनिवार सुबह 8 बजे इसरो से राष्ट्र को संबोधित करेंगे और वैज्ञानिकों से भी बात करेंगे. उन्हें ऐसा लगा मून मिशन का संपर्क टूट जाने के बाद इसरो वैज्ञानिक निराश हो गए थे.
इससे पहले शुक्रवार को इसरो में वैज्ञानिकों से पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं. यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. राष्ट्र को आप पर गर्व है. अच्छे के लिए आशा है. मैं आपको बधाई देता हूं. आप सभी ने राष्ट्र, विज्ञान और मानव जाति के लिए एक बड़ी सेवा की है. मैं आपके साथ हर तरह से खड़ा हूं, बहादुरी से आगे आप लोग आगे बढ़ें.
उधर इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले तक लैंडर प्लान के हिसाब से काम कर रहा था. उसके बाद उससे संपर्क टूट गया. इस बीच 2379 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 आर्बिटर चांद का चक्कर लगाता रहेगा. इसका जीवनकाल एक साल का है.