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घाटी में विदेशी मेहमान, लोगों ने खोली पाक की पोल

नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त के बाद हालात तेजी से सामान्य हुए हैं। 15 देशों के राजनयिकों का एक दल वहां के हालात का जायजा लेने के लिए गुरुवार से 2 दिन के दौरे पर है। पहले दिन विदेशी राजनयिकों ने सिविल सोसाइटी, स्थानीय मीडिया और नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान स्थानीय लोगों ने जम्मू-कश्मीर में रक्तपात के पाकिस्तानी दुष्प्रचार को सिरे से खारिज किया। विदेशी राजनयिकों से बातचीत में स्थानीय लोगों ने 5 अगस्त के बाद बिना किसी खूनखराबे के हालात को संभालने के लिए सरकार की खुलकर तारीफ की।

स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान के 'आतंकी खेल' की खोली पोल
विदेशी राजनयिकों का दौरा शुक्रवार को भी जारी रहेगा। इस दौरान स्थानीय लोगों ने इतना जरूर माना कि कुछ दिक्कतें हैं लेकिन व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। स्थानीय लोगों ने विदेशी राजनयिकों से साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग पाकिस्तान को एक इंच भी धरती नहीं देंगे। स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने और लोगों की जान लेने का आरोप लगाया। उन्होंने विदेशी राजनयिकों से गुजारिश की कि वे पाकिस्तान पर दबाव बनाए ताकि वह जम्मू-कश्मीर में दखल न दे। विदेशी राजनयिक पाकिस्तान दुष्प्रचार के उलट घाटी में सामान्य हालात के गवाह बने। श्रीनगर में दुकाने खुली हुई थीं, सड़कों पर गाड़ियां सामान्य रूप से आ जा रही थीं और बाजार लोगों से गुलजार थे।

राजनयिक खुद हालात देख सकें, दौरे का यही मकसद: MEA
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने सरकार के सहयोग से 15 देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों के जम्मू-कश्मीर दौरे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने खुद देखा कि हालात सामान्य है। उन्होंने कहा कि विदेशी राजनयिकों ने यह भी देखा कि स्थानीय प्रशासन हालात सामान्य होने के लिए किस हद तक कोशिश कर रहा है।

सिविल सोसाइटी, स्थानीय मीडिया और नेताओं से भी मिले राजनयिक
रवीश कुमार ने कहा कि राजनयिकों की पहली बैठक वहां के सुरक्षाकर्मियों के साथ हुई जिसमें सुरक्षा के हालात और आतंकवाद के खतरे के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद राजनयिकों ने सिविल सोसाइटी के सदस्यों से बातचीत की जो पूरे जम्मू-कश्मीर से आए थे, हर क्षेत्र से थे। कुमार ने बताया कि इसके बाद राजनयिकों ने स्थानीय मीडिया और नेताओं से मुलाकात की। किन-किन प्रमुख नेताओं से मुलाकात हुई? इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दौरा अभी जारी है, शुक्रवार को दौरा पूरा होने के बाद पूरा विवरण दी जाएगी।

ईयू के प्रतिनिधिमंडल के जम्मू-कश्मीर नहीं जाने पर कुमार ने बताया कि ईयू के राजनयिक एक समूह में कश्मीर जाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि भविष्य में ईयू राजनयिक भी कश्मीर का इस तरह दौरा कर सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं इन 15 देशों के राजनयिक
जिन 15 देशों के राजदूत/उच्चायुक्त जम्मू-कश्मीर के 2 दिवसीय दौरे पर हैं, वे हैं- अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, बांग्लादेश, मालदीव, मोरक्को, फिजी, नॉर्वे, फिलिपिंस, अर्जेंटिना, पेरू, नाइजर, नाइजीरिया, टोगो और गयाना।

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