हापुड़
ग्रेटर नोएड वेस्ट में 6-7 जनवरी की रात कत्ल हुए गौरव चंदेल हत्याकांड में चंद सेकेंड की लापरवाही बेरहम मौत की वजह बन गई। घर से चंद कदम दूर रात के अंधेरे में सड़क किनारे खड़े होना ही गौरव चंदेल के कत्ल की प्रमुख वजह बन गई। गौरव अगर सड़क पर खुद ही रुककर मोबाइल पर बात करते हुए दिखाई नहीं दिए होते, तो वे सही-सलामत घर पहुंच चुके होते और बदमाशों को उन्हें 'लूटने या कत्ल' करने का मौका ही नहीं मिलता।
यह तमाम सनसनीखेज खुलासे गौरव के कथित कातिल उमेश पंडित और उसकी भाभी यानी मिर्ची गैंग के फरार सरगना आशू जाट की पत्नी ने किए हैं। हापुड़ पुलिस द्वारा किए गए खुलासे की कहानी पर विश्वास किया जाए तो, घटना वाली रात आशू जाट भाई उमेश पंडित और पत्नी के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पर्थला चौक के करीब से गुजर रहा था।
उसी वक्त सूनसान सड़क किनारे रात के अंधेरे में पर्थला चौक और किसान चौक के बीच गौरव चंदेल मोबाइल पर बात करते हुए दिखाई दिए। नई कार और अकेले गौरव चंदेल को देखते ही मिर्ची गैंग का सरगना आशू जाट ने ऑटो अचानक सर्विस रोड पर उधर मुड़वा दिया, जहां सड़क किनारे खड़े गौरव चंदेल मोबाइल पर बात कर रहे थे।
लूटपाट की अचानक बनी योजना के दौरान आशू जाट की बीबी ऑटो में ही बैठी रही। बदमाश उमेश पंडित ने गौरव चंदेल से कार की चाबी मांगी। गौरव ने कार की चाबी देने से मना किया। इसी बात को लेकर उमेश और गौरव के बीच गाली-गलौज होने लगी। गौरव चंदेल इस बात से अनभिज्ञ था कि पास ही मौजूद ऑटो में थोड़ी ही दूरी पर बैठी महिला और पुरुष (मिर्ची गैग सरगना आशू जाट) भी उमेश के ही साथी हैं।
हालातों से एकदम अनजान और बदमाश उमेश द्वारा जबरिया कार की चाबी छीनने से गुस्साए गौरव चंदेल उस पर (बदमाश उमेश) टूट पड़े। साथी बदमाश उमेश को जब ऑटो में बैठे बदमाश आशू जाट ने गौरव चंदेल की पकड़ में फंसते देखा तो वो भी मौके पर पहुंच गया। इसके बाद भी उमेश बदमाश खुद को गौरव चंदेल की मजबूत पकड़ से नहीं छुड़ा पाया। लिहाजा साथी बदमाश को फंसता देख, आशू जाट ने पीछे से गौरव चंदेल के सिर में गोली मार दी। सिर में गोली लगते ही गौरव चंदेल की मौत हो गई। आशू जाट साथी बदमाश उमेश पंडित और बीबी को लेकर गौरव चंदेल की कार से ही फरार हो गया।
हापुड़ पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, “काफी कुछ बातें आशू जाट की गिरफ्तारी के बाद ही सामने आ पायेगी। हां, अब तक आशू जाट की पत्नी और उसके पकड़े गए साथी बदमाश उमेश ने जो कुछ बताया है, उससे यही सामने आ रहा है कि, रात के अंधेरे में सूनसान सड़क किनारे गौरव चंदेल अगर उन्हें बात करते दिखाई न पड़े होते, तो शायद गौरव आज जीवित होते। साथ ही अचानक आई आफत की हकीकत से एकदम अनजान गौरव यह भी नहीं भांप पाए कि उमेश बदमाश अकेला नहीं है। पास मौजूद ऑटो में बैठी महिला और उसके साथ मौजूद पुरुष कोई साधारण इंसान नहीं, बल्कि मिर्ची गैंग का खूंखार बदमाश आशू जाट है। तो शायद गौरव चंदेल उमेश से अकेले और निहत्थे ही भिड़ जाने की गलती नहीं करते। भले ही कार क्यों न लुट जाती। कम से कम जान तो बचती।”
उल्लेखनीय है कि हापुड़ पुलिस ने रविवार की रात जबसे आशू जाट के भाई और आशू जाट की बीबी पूनम जाट को दबोचा है, तभी से नोएडा पुलिस और यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट की नींद उड़ी हुई है। इसलिए क्योंकि इन दोनों की ही जिम्मेदारी थी गौरव हत्याकांड खोलने की। जबकि मामला खोल दिया हापुड़ पुलिस ने।