इंदौर/जबलपुर
2002 के गोधरा दंगों (Godhara riots) के मामले में उम्रकैद की सजा पाए लोगों को जमानत मिल चुकी है. अब वह 24 फरवरी से नर्मदा कुंभ (Narmada Kumbh) में वॉलिंटियर के तौर पर काम करेंगे. सोमवार को इनमें से 6 दोषी पुलिस सुरक्षा में इंदौर में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने गुजरात दंगों (Gujarat Riots) में हत्याकांड को अंजाम देने के लिए उम्रकैद की सजा पाए 15 दोषियों को जमानत दे दी. 2002 में गुजरात के आणंद में ये घटना हुई थी.
शीर्ष अदालत से इन्हें इस आधार पर जमानत मिली कि ये लोग गुजरात से बाहर रहेंगे और इंदौर और जबलपुर में समाजसेवा करेंगे. न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ये लोग सामाजिक/सामुदायिक सेवाओं, ध्यान और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. जो लोग सोमवार को इंदौर पहुंचे, वह इंदौर के बाहरी इलाके खंडवा रोड पर एक मंदिर में रह रहे हैं. इस समय वह मंदिर की सफाई और जूते के स्टालों सहित दूसरी सेवाओं में लगे हुए हैं.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अगले कुछ दिनों में उन्हें इंदौर के एमवाय अस्पताल या अन्य अस्पतालों में सेवाओं के लिए भेजेगा. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य गिरिबाला सिंह ने कहा, इनमें से सात अपराधी मंगलवार रात जबलपुर पहुंचे. वे नर्मदा कुंभ में स्वयं सेवा करेंगे.
प्राधिकरण की एक अधिकारी ने कहा कि इन आरोपियों ने पहले मंदिर का फर्श साफ किया और बाद में उसे पानी से धोया. बाद में उन्होंने मंदिर में भोजन करने वालों के बर्तन धोए. हर पांच साल में आयोजित होने वाला नर्मदा कुंभ, 24 फरवरी से 3 मार्च तक जबलपुर के बाहरी इलाके गौरीघाट में नर्मदा नदी के तट पर आयोजित किया जाता है. अधिकारियों के अनुसार, नर्मदा कुंभ के अलावा, ये अपराधी स्वच्छ भारत अभियान में वृद्धाश्रम में स्वयंसेवकों के रूप में काम करेंगे और अस्पतालों में उन रोगियों की देखभाल करेंगे, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है.
प्राधिकरण की अधिकारी ने कहा, यहां स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अपनी पसंद के अनुसार काम लेने में उनकी मदद करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि वे अपनी आजीविका कमा सकें. ये सभी कार्य उनमें समुदाय की सेवा करने की भावना पैदा करेंगे. इनकी पहचान सुरक्षा कारणों से छिपाई जा रही है.