छत्तीसगढ़

गोठानों में पशुओं को समुचित चारा, पानी मिलने से अब किसान आसानी से ले सकेंगे रबी की फसल

मुंगेली

राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना के तहत पुरानी परंपरा को पुनः स्थापित करने के लिए पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गोठानों का निर्माण किया गया है। निर्मित गोठानों में पशुओं को समुचित रूप से पानी, चारा मिलने से अब अन्यत्र नहीं जा रहे है। किसान अब बेझिझक और आसानी से रबी की फसल ले सकेंगे।
    मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम बलौदी (चीनू) के बरातु सहित अन्य किसानों ने बताया कि रबी फसलों के लिए राज्य शासन की नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना के तहत निर्मित गोठानों की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है। इस योजना के तहत निर्मित गोठानों में पशुओं के लिए चारा, पानी, छाया एवं उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है। मवेशियों के चारे के लिए चारागाह का विकास किया गया है। पानी के लिए ट्यूबवेल की व्यवस्था की गई है। गर्मी और बरसात से बचाव के लिए शेड का भी निर्माण किया गया है। इससे अब पशुधन को कही भटकना नहीं पड़ रहा है। जिसके फलस्वरूप किसान अब आसानी से रबी की फसल ले सकेंगे।
    किसानों ने बताया कि गांव में पहले भी गोठान थे। गोठानों में पशुधन को केवल खरीफ फसल तक ही रखते थे। जिसके बाद पशुधन खुले में रहते थे। पशुधन के खुले में रहने से रबी फसल की क्षति होती थी। जिसके कारण किसानों द्वारा रबी की फसल नहीं ले पाते थे। किसानों ने बताया कि गोठानों के निर्माण हो जाने से गोठानों में ही पशुधन के लिए चारे, पानी की व्यवस्था की गई है। गोठानों में ही पशुओं की सेहत की नियमित जांच हो रही है। किसान अब बिना भय के रबी की फसल ले सकेंगे। इससे किसान खरीफ फसल के अलावा अब रबी की फसल भी ले सकेंगे। इससे उनमें समृद्धि आयेगी।

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