नई दिल्ली
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) गेम्स विलेज (खेल गांव) में भारतीय खिलाड़ियों की अनुशासनहीनता और तोड़फोड़ की घटनाओं को गंभीरता से लेने जा रहा है। टोक्यो ओलंपिक में दल प्रमुख (चेफ डि मिशन) को खिलाड़ियों के कमरों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
चेफ डि मिशन गेम्स विलेज में प्रवेश करने के दौरान और विलेज छोड़ने के दौरान कमरों की जांच करेंगे। इसमें देखा जाएगा भारतीय खिलाड़ियों ने कहीं तोड़ फोड़ तो नहीं की है। दरअसल तोड़फोड़ के बदले आयोजकों की ओर से भारी भरकम जुर्माना लगाया जाता है जो संबंधित ओलंपिक संघ को भरना पड़ता है। आईओए ने सभी खेल संघों को चेतावनी जारी कर ओलंपिक के दौरान ऐसा नहीं करने की सलाह दी है।
आईओए ने कहा है कि ओलंपिक के दौरान चेफ डि मिशन आयोजकों के साथ मिलकर गेम्स विलेज में दल को आवंटित इन्वेंटरी की जांच करेंगे। अगर इस दौरान तोड़ फोड़ या नुकसान सामने आता है तो आईओए पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। कितना जुर्माना लगाया जाएगा इसकी सूची भी खेल संघों को जारी कर दी गई है। हालांकि आईओए ने यह भी साफ किया है कि उनकी मंशा खिलाड़ियों में किसी तरह का डर फैलाने की नहीं है। उन्हें गेम्स विलेज में इन चीजों का ध्यान रखना होगा।
आईओए ने यह भी तैयारी कर ली है कि इस बार तोड़ फोड़ के चलते उनसे आयोजकों ने जुर्माना वसूला तो इसकी भरपाई संबंधित खेल संघों से की जाएगी। खेल संघ यह जुर्माना सीधे खिलाड़ी से वसूल सकते हैं।
गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स समाप्त होने के बाद आयोजकों ने आईओए को तकरीबन 74 हजार रुपये के जुर्माने की सूची भेजी थी। यह जुर्माना बास्केटबॉल, एथलेटिक्स, हॉकी, शूटिंग, पैरा एथलीट और वेटलिफ्टरों पर लगाया था। कमरों के सामान के नुकसान के लिए 59 हजार दो सौ 62 और रफ्र्रिजिरेटर के लिए 14 हजार का जुर्माना लगा था। खिलाड़ियों ने इस दौरान कमरे के तालों के अलावा, कुशन, लैंप, लैंप बोर्ड को नुकसान पहुंचाया था।
आईओए की ओर से भेजी गई सूची में वाटर हीटर खराब करने पर एक लाख 37 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। दरवाजे को खराब करने पर एक लाख 33 हजार, टॉयलेट सीट खराब करने पर साढ़े 60 हजार, दरवाजे का हैंडल तोड़ने पर 29 हजार, बाथ टब खराब करने पर साढ़े 23 हजार, वॉशबेसिन खराब करने पर साढ़े 19 हजार, शीशा तोड़ने पर साढ़े 21 हजार का जुर्माना ठोका जाएगा।