मंडला
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंडला (Mandla) जिले में एक शिक्षिका (Teacher) की दरिया दिली (Magnanimity) देखने को मिली है. यहां शिक्षिका एक अनाथ बिगड़ेल बच्चे की परवरिश कर उसे एक परिवार का प्यार दे रही है. इतना ही नहीं उसकी पढ़ाई-लिखाई पर भी पूरा ध्यान दे रही है, ताकि वह भविष्य में एक अच्छा इंसान बन सके.
सिर से माता-पिता का साया उठने के बाद अनाथ (Orphan) हुआ मासूम दर-दर की ठोकरें खाकर इधर-उधर भटक रहा था. न खाने की व्यवस्था थी और ना ही सोने के लिए कोई ठोर ठिकाना. भूखे पेट ने मासूम को दो वक्त की रोटी के लिए गलत रास्ता चुनने को मजबूर कर दिया था. इसी क्रम में बच्चा चोरी करने लगा और एक दिन उसने एक शिक्षिका का मोबाइल चोरी कर लिया, ये शिक्षिका मासूम की जिंदगी में एक फरिश्ता (Angel) बनकर आई.
बच्चे को डाट लगाते हुए शिक्षिका उसे अपने घर ले गई. उसे सहारा देकर पढ़ने-लिखने की इंतजाम किया. अब बच्चे को दो वक्त का खाना और एक परिवार का प्यार मिल रहा है. मंडला जिले के स्वामी सीमाराम वार्ड में रहने वाले दीपक वनवासी (अनाथ) ने अपने माता-पिता को बचपन में ही खो दिया है. मां का साया 5 साल पहले ही उठ गया था. इसके तीन साल बाद पिता भी साथ छोड़कर चल बसे. इसके बाद दीपक दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गया.
जब भूख लगी तो दीपक के पास खाने को दो वक्त की रोटी नहीं थी और जब नींद आई तो सोने के लिए घर नहीं था. माता-पिता के जाने के बाद मासूम सड़क पर आ गया था. पेट भरने के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हो गया. पेट भरने के लिए दीपक प्राथमिक शाला फूलवाड़ी में जाने लगा, ताकि वहां मिलने वाले मध्यान भोजन से अपना पेट भर सके.