ग्वांग्जू
विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने के बाद से खराब दौर से जूझ रही भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु को उम्मीद है कि बुधवार (11 दिसंबर) से शुरू हो रहे सत्र के आखिरी बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में वह फॉर्म में लौटेंगी। सिंधु ने अगस्त में बासेल में विश्व चैंपियनशिप जीती, लेकिन उसके बाद से वह लगातार खराब फॉर्म में है।
ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधु जुलाई में इंडोनेशिया ओपन सुपर 750 टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी। इसके बाद कोरिया ओपन और फुजोउ ओपन में पहले दौर से बाहर हो गई जबकि चाइना ओपन, डेनमार्क ओपन और हांगकांग ओपन के दूसरे दौर में हारीं।
बीडब्ल्यूएफ रेस टू ग्वांग्जू रैंकिंग में सिर्फ शीर्ष आठ खिलाड़ी ही विश्व टूर फाइनल्स खेलते हैं। सिंधु इस साल के आखिर में 15वें स्थान पर होगी, लेकिन विश्व चैंपियन होने के कारण उसे खेलने का मौका मिलेगा।
सिंधु ने विश्व फाइनल्स की तैयारी के लिए हांगकांग ओपन के बाद ब्रेक लिया था। वह 2017 और 2018 में फाइनल खेल चुकी है। इस बार उसे ग्रुप ए में चीन की चेन यू फेइ, हि बिंग जियाओ और जापान की अकाने यामागुची के साथ रखा गया है। ग्रुप बी में ताइवान की तेइ जू यिंग, थाईलैंड की रेचानोक इंतानोन और बुसानन ओंगबामरूंगफन और जापान की नोजोमी ओकुहारा हैं।
पीवी सिंधु को पहला मैच यामागुची से खेलना है जिसने इंडानेशिया और जापान में खिताब जीते। उसके बाद कूल्हे की चोट के कारण वह चार टूर्नामेंटों से पहले दौर में बाहर हुई। सिंधु का इस जापानी खिलाड़ी के खिलाफ 10 . 6 का रिकॉर्ड है, लेकिन वह इससे पिछले दो मैच हारी है।