भोपाल
राज्य शासन द्वारा गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को प्रदेश की विभिन्न जेलों से आजीवन कारावास से दंडित 5 महिला बंदी सहित कुल 186 बंदी रिहा किए जाएंगे। गृह एवं जेल मंत्री बाला बच्चन ने रिहा होने वाले बंदियों से कहा है कि वह रिहाई बाद अपराध की दुनिया से नाता तोड़कर अपने परिवार की खुशहाली के लिये काम करें।
बलात्कार और पॉक्सो प्रकरण के बंदियों को माफी नहीं
गणतंत्र दिवस पर रिहा किये जा रहे सभी बंदी हत्या के अपराध (भा.द.वि. की धारा-302) में दंडित हुए हैं। इन्होंने 14 वर्ष से लेकर 20 वर्ष तक की सजा भुगती है। इन बंदियों की शेष सजा राज्य शासन ने माफ कर दी है। बलात्कार और पॉक्सो प्रकरण में दंडित बंदियों को माफी नहीं दी गई है। रिहा किए जा रहे बंदियों को जेल में निरुद्ध रहते हुए टेलरिंग, कारपेन्ट्री, लोहारी, भवन मिस्त्री, भवन सामग्री निर्माण आदि का प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे रिहा होने के बाद वे जीवकोपार्जन के साधन अर्जित कर सकें।
रिहा होने वाली बंदियों में केन्द्रीय जेल उज्जैन के 20, सतना के 13, ग्वालियर के 27, बड़वानी के 11, होशंगाबाद के 8, जबलपुर के 22, रीवा के 23, सागर के 17, नरसिंहपुर के 3, इंदौर के 23 और केन्द्रीय जेल भोपाल के 19 बंदी शामिल हैं।