छत्तीसगढ़

कोरोना वायरस से निपटने के लिये आइसोलेशन सुविधा को बढ़ायें और गहन प्रशिक्षण दें- स्वास्थ्य सचिव बारिक

बिलासपुर
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागएवं जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने कोरोना वायरस से निपटने के लिये जिले के अस्पतालों में आइसोलेशन सुविधा बढ़ाने और स्वास्थ्य अमले को गहन प्रषिक्षण देने का निर्देश दिया।

श्रीमती बारिक ने आज कोरोना वायरस से निपटने के लिये जिले में की गई तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर डॉ.संजय अलंग, बिलासपुर विधायक श्री शैलेष पाण्डेयऔर सिम्स के डीन डॉ.पी.के.पात्रा भी उपस्थित थे।

बैठक में श्रीमती बारिक ने कहा कि जब तक यह मालूम ने हो कि सावधानी क्या है तब तक कोरोना वायरस को रोक नहीं सकते। इसके बारे में अस्पतालों के चिकित्सक,नर्स एवं स्टाफ को गहन प्रषिक्षण दिया जाए। उन्होंने जिला अस्पताल मेंउपलब्ध पीपीईकिट, दस्ताने, मास्क आदि की जानकारी ली। इनको कैसे पहनना है और डिस्पोज कैसे करना है, इसका प्रशिक्षण भी सभी को अनिवार्य रूप से देने कहा। संदिग्ध मरीज को हैण्डल करने और वेंटिलेटर उपयोग करने के संबंध में भी अस्पताल के अमले को प्रशिक्षण दिया जाए।कोरोना वायरस से निपटने के लिये स्वास्थ्य विभाग के निचले स्तर के अमले, मितानिनों को भी प्रशिक्षण दिया जाए। बैठक में विधायक श्री शैलेष पाण्डेय ने स्लम एरिया को लक्ष्य बनाकर प्रशिक्षण देने कहा।
स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के लिये बनाये गये आइसोलेशन वार्ड की भी जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि सिम्स और जिला अस्पताल में 10-10 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जन स्वास्थ्य सहयोग केन्द्र गनियारी में 3कक्ष और रेल्वे अस्पताल, अपोलो, एनटीपीसी और एसईसीएल के अस्पतालों में 2-2 कक्षों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को रखने के लिये आइसोलेशन वार्ड बनाये गये हैं। श्रीमती बारिक ने कहा कि आइसोलेषन वार्ड में वेंटिलेटर की व्यवस्था, अटैचबाथरूम और वार्ड तक आने-जाने के लिये पृथक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

संदिग्ध मरीज के चिन्हांकन से लेकर उन्हें अस्पताल में भर्ती करने और उसकी जांच के लिये अस्पतालों में अलग कमरे की व्यवस्था की जाए। जिन देशों में कोरोना वायरस फैला है वहां से आने वाले लोगों को संदिग्ध माना जाए। उन्होंने संदिग्ध मरीज के लिये होम आइसोलेशन हेतु लोगों को समझाईश देने का निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिया।ऐसे मरीज 14 दिन तक अपने घरों में अलग कमरे में रहे। उनके शौचालय अलग हों और घर के बाकी लोगों से संपर्क न रहे। इन मरीजों का सेम्पल जांच हेतु घर जाकर लिया जाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एम्स रायपुर में सेम्पल जांच की सुविधा है। अस्पतालों में आने-जाने वाले लोगों के लिये हेण्ड सेनेटाईजर उपलब्ध कराने का भी निर्देष दिया। श्रीमती बारिक ने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालआपसी सहयोग से कार्य करें, तभी हम कोरोना वायरस से निपटने में तैयार हो पायेंगे।

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रमोद महाजन, जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ.मधुलिका सिंह ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर अंषिका पाण्डेय, नोडल अधिकारी डॉ.के.के.लाल सहित विभिन्न अस्पतालों के अधिकारी तथा स्टाफ उपस्थित थे।

कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के लिये जिला अस्पताल में बनाये गये आइसोलेषन वार्ड का स्वास्थ्य सचिव ने निरीक्षण किया। इस वार्ड के समीप अन्य वार्डों के प्रवेश मार्ग को वायरस से सुरक्षित करने के लिये आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिये। उन्होंने वेंटिलेटर कक्ष का जायजा भी लिया।

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