नई दिल्ली
कोरोना के खिलाफ जंग के लिए सेना ने भी कमर कस ली है। सेना ने ऐलान किया है कि वह अपने अस्पतालों में संदिग्ध मरीजों की जांच और उपचार शुरू करेगी। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में संदिग्ध रोगियों के लिए डेढ़ हजार बेड का इंतजाम करेगी।
सेना ने अभी मानेसर में 300 लोगों के लिए निगरानी सुविधा विकसित की है। अब जैसलमेर, सूरतगढ़, सिकंदराबाद, चेन्नई तथा कोलकात्ता में भी ऐसे निगरानी केंद्र तैयार किए जाएंगे। इन केंद्रों में 1500 रोगियों को डॉक्टरी निगरानी में रखा जा सकेगा।
सेना के सूत्रों ने बताया कि इन केंद्रों की स्थापना के लिए कार्य आरंभ किया जा चुका है। सेना स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है। प्रशासन जरूरत पड़ने पर संदिग्ध रोगियों को इन केंद्रों में भेजेगा। सेना द्वारा सभी सैन्य केंद्रों को भी एडवाइजारी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि वे कोरोना के खतरे के मद्देनजर त्योहार एवं अन्य कारणों से होने वाली अनावश्यक भीड़भाड़ को रोकें।
सैन्यकर्मियों को भी कहा गया है कि वे शापिंग व अन्य कारणों के लिए मॉल व अन्य जगहों पर जाने से परहेज करें। केंद्र में मौजूदा सेवाओं का इस्तेमाल करें। सभी केंद्रों को कहा गया है कि वह कोरोना को लेकर जागरूकता अभियान भी शुरू करें।
सेना के अस्पतालों को निर्देश
सेना ने देश भर में स्थित अपने सभी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाने, अलग से ओपीडी स्थापित करने तथा संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग का इंतजाम करने के भी निर्देश दिये हैं। सभी अस्पतालों को कहा गया है कि वे इस मामले में स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहें। सात ही आईसीएमआर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन करें।