भोपाल
प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी के छह महीने बाद आखिरकार नई रेत खनन नीति लागू हो गई है। खनिज विभाग ने नई नीति की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके तहत ग्रामीण खुद के भवन के निर्माण के लिए आसपास की किसी भी खदान से रेत खदान का उठाव कर सकेंगे। रेत लेने से ग्रामीणों को न तो ठेकेदार रोक पाएगा और न ही पुलिस-प्रशासन का कोई नुमाइंदा रोकेगा। रेत उठाने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत को तत्काल अनुमति देनी होगी। अब रेत खदानों से रेत का परिवहन जीपीएस लगे वाहनों से ही हो सकेगा।
प्रदेश में रेत नीति लागू हो गई है। नई नीति के तहत ग्रामीण एक साल में 10 घन मीटर तक रेत ही मुफ्त में उठा सकेंगे। जबकि कुम्हार, किसान कुआ एवं घर बनाने के लिए मुफ्त में रेत ले सकेंगे। नीति में अवैध उत्खनन रोकने एवं नदियों के संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है। नर्मदा नदी से मशीनों से रेत का खनन पूर्णत: बंद कर दिया है। जबकि अन्य नदियों में मशीनों से खनन सिर्फ प्रशासनिक अनुमति से ही हो सकेगा। 5 हेक्टेयर की खदानों रेत का खनन श्रमिक समितियों से होगा। 5 हेक्टेयर से बड़ी खदानों में खनन के लिए स्थानीय मजूदरों को प्राथमिकता दी जाएगी।
पुल से 200 मीटर दूरी पर होगा खनन
नई नीति के तहत नदी पर बने पुल से 200 मीटर के बाहर रेत का खनन हो सकेगा। बांध के पास भी रेत उत्खनन नहीं हो सकेगा। साथ ही हाईवे एवं रेल लाइन से 100 मीटर के बाहर, ऐतिहासिक इमारत एवं पुरातात्विक स्थानों से 200 मीटर बाहर ही रेत का उत्खनन हो सकेगा।
30 दिन में हटाना पड़ेगा भंडारण
नई खनित नीति के तहत रेत का भंडारण करने वालों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है। अब रेत कारोबारी 1 लाख घन मीटर रेत का भंडारण मान्यता प्राप्त स्थान पर ही कर सकेंगे। जिसका निपटारा 30 दिन के भीतर ही करना होगा। यदि समय पर रेत का निपटारा नहीं होता है तेा फिर जिला प्रशासन रेत को राजसात कर सकेगा।
एक भी भंडारण पर नहीं की कार्रवाई
खनिज विभाग रेत माफिया पर किस तरह से हावी है, इसका अंदाजा नर्मदा किनारे के जिले, गांवों में लगे रेत के ढेर देखकर लगाया जा सकता है। कमलनाथ कैबिनेट ने छह महीने पहले रेत नीति को मंजूरी दे दी थी। जिसमें भंडारण क्षमता बढ़ाकर 1 लाख घनमीटर करने की अनुमति दी गई थी। लेकिन नीति की अधिसूचना जारी नहीं की गई। रेत कारोबारियों ने 1 लाख से ज्यादा मात्रा में रेत का भंडारण कर लिया। अब जब बारिश जाने की तैयारी में तब सरकार ने रेत नीति की अधिसूचना जारी की है। इस अवधि में रेत कारोबारियों ने रेत का भंडारण कर बड़ा मुनाफा कमाया है।