भोपाल
मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में अति-वर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिये केन्द्र सरकार से 7154.28 करोड़ रुपये की सहायता राशि शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया है। इस राशि में एनडीआरएफ मद से 6621.28 करोड़ रुपये केन्द्रीय सहायता राशि और एसडीआरएफ से इस वर्ष की दूसरी किश्त की राशि 533 करोड़ रुपये शामिल है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव, राजस्व मनीष रस्तोगी ने हाल में केन्द्र को भेजे प्रस्ताव मे कहा है कि प्रदेश के लिए राज्य आपदा प्रबंधन के अंतर्गत वर्ष 2019-20 के लिए 1066 करोड़ रूपये स्वीकृत हैं। इसमें से सितम्बर मध्य तक 362 करोड़ रूपये की राशि अन्य प्राकृतिक आपदाओं, ओला-पाला तथा राहत वितरण में खर्च की गई। वित्तीय वर्ष 2019 में केन्द्रांश के अंतर्गत 247 करोड़ की पहली किश्त जारी की गई, जिसमें पिछले वर्ष 2018-19 में दी गई 152 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रांश राशि का समायोजन है। अत: वर्ष 2019 में प्रदेश में अब तक एस.डी.आर.एफ में 285.50 करोड़ की राशि ही उपलब्ध है।
प्रदेश के राजस्व विभाग के अनुसार प्रदेश के 52 में से 39 जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से बहुत अधिक क्षति हुई है। राज्य में जून से सितंबर माह के बीच हुई वर्षा से लगभग 60 लाख 47 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की 16 हजार 270 करोड़ रूपये की फसल प्रभावित हुई है। इसमें लगभग 53 लाख 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत तक फसल क्षतिग्रस्त हुई है। प्रदेश में अति-वृष्टि से क्षतिग्रस्त मकानों में 55 हजार 372 पक्का-कच्चे मकान, 4 हजार 98 पक्के मकान तथा 55 हजार 267 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे मकान शामिल हैं। इसी क्रम में 3 हजार 649 झोपड़ियाँ और 3 हजार 274 पशु शेड भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 674 लोगों की मृत्यु हुई, 18 लोग शारीरिक अपंगता के शिकार हुए तथा तीन लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। लगभग 1515 दुधारू पशु, 373 भारवाही पशु तथा 3 हजार 270 मुर्गियों की क्षति हुई है।
राजस्व विभाग के अनुसार प्रदेश में अति-वृष्टि से सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की राशि 2285 करोड़ रूपये आँकी गई है। फसलों की कुल क्षति का अनुमान लगभग 16 हजार 270 करोड़ रूपये है तथा फसलों के नुकसान के लिए मांगी गई सहायता राशि तीन हजार 742 करोड़ रूपये है। इसी प्रकार मकान की क्षति, लोगों और पशुओं की मृत्यु एवं अपंगता के लिए 579.96 करोड़ रूपये, रेस्क्यू आपरेशन के लिए 10.02 करोड़ रूपये, राहत शिविरों पर एक करोड़ 75 लाख रूपये, खाद्यान्न और मिट्टी तेल के नुकसान पर एक करोड़ 67 लाख रूपये की सहायता राशि अनुमानित है।