रायपुर
केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सोमवार को कहा कि केन्द्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश में मंदी का माहौल नहीं है। केन्द्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरे होने के मौके पर संवाददाता सम्मेलन में गहलोत ने कहा कि देश में मंदी की बात की जा रही है। लेकिन भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि मंदी का वातावरण नहीं है। केन्द्र सरकार की ओर से खरीदी बिक्री के आंकड़े पेश किए गए हैं। यह इस बात को सिद्ध करता है कि जिस तरह से वातावरण बताया जा रहा है उस तरह से नहीं है। जिस तरह से मंदी का वातावरण भयभीत करने वाला बताया जा रहा है, वैसा नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में बैंकों का विलय और ब्याज दर को कम करने के उपाय किए है और ऐसा उसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर किया गया है। असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिसकी नागरिकता भारतीय है वह भारत में ही रहेगा।
देश में बेराजगारी के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ बेरोजगारी के सही सही आकड़े सरकार के पास नहीं है। लेकिन मैं इतना कह सकता हूं पूंजी निवेश के माध्यम से करोड़ों लोगों को रोजगार प्रदान करने के अवसर दिए गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 17 करोड़ से ज्यादा लोगों को ऋण मिला है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में नया मोटर वाहन अधिनियम सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होगा। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या देश में शराबबंदी के लिए भी इस तरह का कानून लाया जा सकता है, उन्होंने कहा कि यह राज्यों का विषय है। राज्य चाहे वह निर्णय ले सकते हैं। जैसा गुजरात और बिहार की राज्य सरकारों ने शराब पर प्रतिबंध लगाया है।
राज्य इस विषय पर अपना निर्णय ले सकते हैं। छत्तीगसढ़ में भी शराबबंदी की चर्चा हुई थी लेकिन आगे क्या हुआ यह पता है। गहलोत ने कहा कि उनका मंत्रालय नशा मुक्ति के लिए कई तरह का अभियान चलाता है तथा लोगों को जागरूक करता है। गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के कम समय में ही कई बड़े फैसले लिए हैं। इस दौरान मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम के तहत जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटा दिया है और अनुच्छेद 35 ए को निरस्त कर दिया है। यह पहल राज्य में सामाजिक आर्थिक बुनियादी ढ़ाचे की बेहतरी के लिए है। उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम महिलाओं को राहत देते हुए ‘तीन तलाक’ की कुप्रथा को खत्म किया गया। वहीं किसानों की आय दोगुनी करने के लिए महत्वपूर्ण उपाए किए गए हैं।